उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के यूपी क्लस्टर में डीज़ल ऑटो रिक्शा पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इसका मकसद बढ़ती वायु प्रदूषण को कम करना है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) और गाजियाबाद में डीज़ल ऑटो रिक्शा पर अब तुरंत प्रभाव से पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है। वहीं बागपत में यह प्रतिबंध 31 दिसंबर 2025 के बाद लागू होगा।
राज्य सरकार की तरफ से जारी योजना में रोड धूल को मुख्य प्रदूषण का कारण बताया गया है। इसको कम करने के लिए सड़क पुनर्विकास, धूल दबाने के उपाय और बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाने का प्रावधान है।
मेरठ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने भी इन प्रतिबंधित वाहनों के लिए नई परमिट जारी करना और पुराने परमिट नवीनीकरण रोक दिया है।
इस कदम से सरकार को उम्मीद है कि शहरों की हवा साफ होगी और नागरिकों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली में अगले साल 31 दिसंबर तक डीज़ल ऑटो रिक्शा पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे।
सरकार ने इसके क्रियान्वयन के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
राज्य स्तर पर एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) भी बनाई गई है। इसमें शहरी विकास, सार्वजनिक निर्माण, आवास और शहरी योजना, और औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधिकारियों ने एंटी-स्मॉग गन, स्प्रिंकलर और मैकेनिकल स्वीपिंग सिस्टम लगाने शुरू कर दिए हैं ताकि सड़क पर धूल कम हो सके।
अधिकारियों का कहना है कि इस योजना से हवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और लाखों शहरवासियों को फायदा होगा।