भारतीय जीवन बीमा निगम आईएफसीआई में अपनी हिस्सेदारी 11.35 फीसदी से घटाकर 8.39 फीसदी करने के लिए इक्विटी शेयर को वैकल्पिक परिवर्तनीय उधारपत्र (ओसीडी) में फिर से बदलेगा।
पिछले साल आईएफसीआई ने रणनीतिक निवेश प्रवेशन प्रक्रिया के तहत एलआईसी के उधार पत्रों को इक्विटी शेयर में बदल दिया था। इससे वह शेयर के आवंटन के बाद भी अपनी 8.39 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रख सकती थी।
हालांकि बाद में स्टरलाइट की अगुवाई वाले समूह से चर्चा विफल हो जाने के बादकोई भी रणनीतिक निवेशक इसमें शामिल नहीं किया जा सका। इस कारण एलआईसी की हिस्सेदारी बढ़कर 11.35 फीसदी हो गई थी। इस कारण एलआईसी आईएफसीआई प्रबंधन से अपनी हिस्सेदारी फिर से 8.39 फीसदी के स्तर पर करने की अनुरोध किया था। इसे मानते हुए आईएफसीआई ने एलआईसी की चुकता पूंजी को 3 फीसदी कम करके इन शेयरों को डेट इंस्ट्रुमेंट में परिवर्तित कर दिया।
इस वित्तीय संस्था को उन दूसरे निवेशकों से इस तरह के अनुरोध नहीं मिले, जिनके ओएसडी को रणनीतिक निवेश प्रवेशन के तहत इक्विटी शेयर में बदल दिया गया था। आईएफसीआई ने उधार पत्र को शेयर में 107 रुपये प्रति शेयर की दर से परिवर्तित किया था। हालांकि वर्तमान में कंपनी के शेयर का मूल्य 38 रुपये के करीब है।
शेयर पूंजी में यह कटौती कंपनी कानून की धारा 100 से 104 के तहत किया जा रहा है। आईएफसीआई के सीईओ अतुल कुमार राय के मुताबिक हम एलआईसी की हिस्सेदारी घटाने की कोशिश कर रहे है। हम इसे इस तरह से करना चाहते हैं ताकि शेयरधारक किसी भी तरह से प्रभावित न हों।