मान लीजिए आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए और आपको लोन लेना पड़े तो आपके दिमाग में पहला सवाल क्या आएगा? निश्चित रूप से आपके विचार में यही आएगा कि लोन बैंक से ले या फिनटेक प्लेटफॉर्म से? एक तरफ बैंक, जहां ब्याज दरें अपेक्षाकृत कम हैं लेकिन प्रक्रिया लंबी और डॉक्यूमेंट की भारी झंझट। दूसरी तरफ फिनटेक कंपनियां हैं, जो मिनटों में लोन अप्रूव और डिस्बर्स कर देती हैं, लेकिन इसकी ब्याज दरें ज्यादा होती हैं। आधुनिक दौर में जब समय को ही पैसा माना जाता है, तब लोग अक्सर तेज और आसान रास्ता चुनते हैं। लेकिन क्या यह हर किसी के लिए सही विकल्प है?
मनीफ्रंट के CFA और बैंकिंग एक्सपर्ट मोहित गांग ने इसी मुद्दे पर बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में अपनी राय दी। उन्होंने विस्तार से बताया कि कब फिनटेक प्लेटफॉर्म सही हैं और कब बैंक से लोन लेना बेहतर साबित होता है।
मोहित गांग का कहना है कि तुंरत लोन यानी इंस्टेंट लोन के लिए फिनटेक प्लेटफॉर्म बेहतर साबित हो सकते हैं। उन्होंने इसके पीछे कई कारण गिनाए।
एक्सपर्ट के मुताबिक फिनटेक से लोन लेने पर मंजूरी और डिस्बर्सल बेहद तेज होता है। E-KYC के जरिए ज्यादातर काम ऑनलाइन हो जाने से फिजिकल डॉक्यूमेंट्स की जरूरत बहुत कम पड़ती है। बैंक की तुलना में यहां की शर्तें भी अधिक आसान होती हैं। इसके अलावा, छोटी राशि के लोन भी आसानी से उपलब्ध होते हैं जिन्हें इमरजेंसी में आसान से लिया जा सकता है।
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मोहित गांग का कहना है कि फिनटेक कंपनियों के लोन पर ब्याज दरें आमतौर पर ज्यादा होती हैं। वजह यह है कि वे बिना किसी डॉक्यूमेंट, आसान पहुंच और तुरंत लोन जैसी सुविधाएं देती हैं। दूसरी ओर, बैंकों की ब्याज दरें अपेक्षाकृत कम रहती हैं, लेकिन वहां लोन की प्रोसेसिंग और डिस्बर्सल का समय ज्यादा लगता है।
एक्सपर्ट के अनुसार, बैंकों में लोन प्रक्रिया ज्यादातर ऑफलाइन रहती है। यही कारण है कि कागजी कार्रवाई वहां अधिक मुश्किल भरी होती है। बैंक डॉक्यूमेंट्स की जांच भी काफी सख्ती से करते हैं।
मोहित गांग के मुताबिक, अगर कम पैसे की जरूरत हो और तुरंत लोन चाहिए तो फिनटेक प्लेटफॉर्म बेहतर विकल्प हैं। वहीं, बड़ी राशि और अच्छे क्रेडिट रिकॉर्ड वाले लोगों के लिए बैंक से लोन लेना फायदेमंद रहेगा क्योंकि वहां ब्याज दरें कम होती हैं।