अगर आप 1 करोड़ रुपये का घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो सवाल यह है कि पूरी रकम कैश में दें या लोन लेकर धीरे-धीरे चुकाएं। चार्टर्ड अकाउंटेंट रुचिता वाघानी के अनुसार, सही ऑप्शन आपकी उम्र, जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय अनुशासन पर निर्भर करता है।
कैश में खरीदने के फायदे:
कोई EMI या ब्याज नहीं देना पड़ेगा।
घर तुरंत आपका होगा।
विक्रेता से बेहतर सौदेबाजी की संभावना।
ब्याज दर बढ़ने की चिंता नहीं।
पूरी रकम एक ही जगह निवेश होने से आपकी नकदी (liquidity) कम हो जाएगी और अन्य निवेश से मिलने वाले रिटर्न से चूक सकते हैं।
बचत को अन्य निवेशों में लगाया जा सकता है।
पुराने नियम के तहत सालाना 3.5 लाख रुपये तक टैक्स बचत।
भविष्य की आमदनी से EMI चुकाना आसान लगता है।
अगर निवेश बेहतर रिटर्न देते हैं, तो लोन की ब्याज लागत से ज्यादा लाभ हो सकता है।
1 करोड़ रुपये का लोन 20 साल में करीब 2.07 करोड़ रुपये में चुकाना होगा (1.07 करोड़ ब्याज सहित)।
नियमित आमदनी पर निर्भरता जरूरी है।
निवेश उम्मीद के मुताबिक न चलें तो नुकसान भी हो सकता है।
आप जोखिम कम लेने वाले हैं या रिटायरमेंट के करीब हैं।
बिना कर्ज के जीवन और मानसिक शांति ज्यादा जरूरी है।
EMI का बोझ नहीं लेना चाहते।
आप 40 साल से कम उम्र के हैं और स्थिर आमदनी है।
बचे हुए पैसे को शेयर, म्यूचुअल फंड या बिजनेस में निवेश कर सकते हैं।
दीर्घकालिक धन निर्माण के लिए कर्ज संभालने में सहज हैं।
कोई भी विकल्प सभी के लिए सही नहीं है। जरूरी यह है कि आप आज की वित्तीय स्वतंत्रता और भविष्य में ज्यादा रिटर्न पाने की संभावना में क्या अहमियत देते हैं।