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अगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में खुदरा कीमतें 1.69 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 2.47 प्रतिशत  बढ़ी हैं

Last Updated- September 12, 2025 | 11:02 PM IST
Indian Market
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हो गई है, जो जुलाई में 8 साल में सबसे कम 1.61 प्रतिशत पर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में खुदरा कीमतें 1.69 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 2.47 प्रतिशत  बढ़ी हैं।  

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कम महंगाई दर ग्राहकों के लिए अच्छी है और हाल में वस्तु एवं सेवा कर में की गई कटौती से महंगाई दर में चालू वित्त वर्ष के दौरान 90 आधार अंक की कमी और भी आ सकती है। लेकिन सरकारी बैलेंस शीट के लिए यह सही नहीं होगा क्योंकि इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि सुस्त होगी, जो सरकार की वित्तीय स्थिति से पहले ही झलक रहा है। कर संग्रह भी वित्त वर्ष 2026 के बजट लक्ष्य से पीछे चल रहा है।

मुद्रास्फीति के इस बार के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक नीतिगत समीक्षा के संशोधित अनुमान के अनुरूप है। एमके ग्लोबल में मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानों के मुकाबले महंगाई दर में लगातार गिरावट जारी रहने से वित्त वर्ष 2026 में महंगाई दर रिजर्व बैंक के अनुमानों की तुलना में कम से कम 50 आधार अंक तक नीचे रह सकती है। इसके अलावा जीएसटी दरों में कटौती के बीच अवस्फीति का रुझान और भी बढ़ सकता है।

इंडिया रेटिंग्स में असोसिएट डायरेक्टर पारस जसराय ने कहा कि जीएसटी की दरों में बदलाव का पूरा असर अक्टूबर से आना शुरू होगा और इससे मांग को बल मिलेगा। लेकिन राजकोष पर इसका प्रभाव देखना होगा, जो सरकार की बैलेंस शीट के हिसाब से बेहतर नहीं है।

First Published - September 12, 2025 | 10:56 PM IST

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