बीमा छोड़ देने (सरेंडर करने) के लिए नए मूल्य मानदंड आज (1 अक्टूबर) से लागू होने के कारण ज्यादातर जीवन बीमा कंपनियां अपने सर्वाधिक बिकने वाले नॉन-पार्टिसिपेटिंग उत्पादों के संशोधित संस्करण तुरंत जारी कर रही हैं। कंपनियां इरडाई के उत्पाद विनियमन 2024 के अनुरूप अपने कुल प्रीमियम में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले उत्पाद पेश करेंगी।
उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया कि उनके पोर्टफोलियो में शेष उत्पादों को दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करने के साथ उचित समय पर पेश किया जाएगा। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने जून में ‘जीवन बीमा उत्पादों के लिए मास्टर सर्कुलर’ जारी किया था। इसमें पॉलिसियां तय समय से पहले बंद करने वाले उपभोक्ताओं के बेहतर भुगतान के लिए मानदंड सुनिश्चित किए गए थे।
संशोधित मानदंडों के अनुसार जीवन बीमा कंपनियों को पहले पॉलिसी वर्ष के पूरा होने के बाद एक बढ़ा हुआ विशेष सरेंडर मूल्य (एसएसवी) देना होगा, बशर्ते ग्राहक ने एक पूरे वर्ष का प्रीमियम चुकाया हो। अभी तक कंपनियां पहले वर्ष में पॉलिसी छोड़ देने वाले उपभोक्ताओं को ऐसी राशि का भुगतान नहीं करती थीं।
इसके अतिरिक्त मानदंडों में कहा गया है कि एसएसवी की गणना करने के लिए चुकता मूल्य में छूट की दर 10-वर्षीय जी-सेक यील्ड से 50 आधार अंक अधिक होगी। इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के एमडी व सीईओ ऋषभ गांधी ने कहा, ‘इंडिया फर्स्ट लाइफ इरडाई के उत्पाद विनियमन 2024 के अनुरूप अपने कारोबार में योगदान देने वाले 80-90 फीसदी उत्पादों का संशोधन करने के लिए पूरी तरह तैयार है।’