देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय सफलता के साथ पूरा कर लिया है। एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन ने शेयरधारकों को एक संदेश में कहा कि विलय के बाद बढ़े ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेश्यो) के कारण वित्त वर्ष 2025 में ऋण देने की रफ्तार कम की गई थी और अब बैंक तेज ऋण वृद्धि के लिए तैयार है।
एचडीएफसी लिमिटेड का विलय 1 जुलाई 2023 को एचडीएफसी बैंक में हुआ था, जिससे वित्तीय दिग्गज इकाई बनी। जगदीशन ने कहा, ‘हमने सफलतापूर्वक विलय का काम पूरा कर लिया है। बैंक अब तेज वृद्धि करने की स्थिति में है। ऋण में वृद्धि की रणनीति में बदलाव और विलय के कारण बहुत मजबूत बैंक बना है और अब बैंक वृद्धि के असवरों पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है।’
वित्त वर्ष 2025 में बैंक के ऋण में साल भर पहले के मुकाबले 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो बैंकिंग उद्योग की वृद्धि से धीमी थी। मगर इसी दौरान बैंक की जमा राशि ऋण के मुकाबले ढाई गुना तेजी से बढ़ी। इससे बैंक का ऋण जमा अनुपात भी कम हुआ और बैंक को उच्च उधारी लागत वाली रकम की हिस्सेदारी घटाने में मदद मिली। इसकी वजह से वित्त वर्ष 2025 के आखिर तक बैंक की उच्च लागत वाली उधारी घटकर 14 प्रतिशत रह गई। विलय के समय सीडी रेश्यो 110 प्रतिशत पर था, जो 31 मार्च, 2025 को घटकर 96 प्रतिशत रह गया।
दिलचस्प है कि वित्त वर्ष 2025 में एचडीएफसी बैंक के जमा में सालाना वृद्धि 14.1 प्रतिशत रही, जो बैंकिंग उद्योग की कुल वृद्धि प्रतिशत से बहुत ज्यादा है। बैंक वित्त वर्ष 2025 में लगभग 14.6 प्रतिशत की वृद्धिशील जमा बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में कामयाबी हासिल की।
जगदीशन ने कहा, ‘आक्रामकता इरादे और काम निपटाने के तरीके में रही है, परिसंपत्तियों या देनदारियों के लिए मूल्य निर्धारण में नहीं।’ बैंकिंग प्रणाली में बैंक की शाखाओं की बाजार हिस्सेदारी 5 प्रतिशत और बैंकिंग जमा में हिस्सेदारी 11 प्रतिशत है।
जगदीशन ने कहा, ‘ हमें वित्त वर्ष 2026 में बैंकिंग क्षेत्र की कुल ऋण वृद्धि के प्रतिशत की बराबरी करने और वित्त वर्ष 2027 में बैंकिंग क्षेत्र से अधिक ऋण वृद्धि रहने का भरोसा है।’ उन्होंने कहा कि बैंक की बेहतर बैलेंस शीट के अलावा तकनीक, ग्राहक केंद्रित रणनीति पर हम कायम हैं। उन्होंने कहा, ‘ऋण वृद्धि की रफ्तार घटाने और विलय के समेकन की वजह से एक मजबूत बैंक बना है, जो तेज वृद्धि की राह पर चलने को तैयार है।’
बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में 700 से ज्यादा शाखाएं जोड़ी हैं और 31 मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक बैंक की कुल शाखाएं 9,455 हो गई हैं। बैंक ने नई शाखाएं खोलना जारी रखने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, ‘बैंक की शाखाएं, ग्राहक संबंधों का केंद्र हैं। खासकर कस्बाई और ग्रामीण इलाके में, जहां हमारी आधी से अधिक शाखाएं हैं। नई शाखाएं भविष्य के लिए हमारा निवेश हैं जिनके माध्यम से हम स्थानीय लोगों को बेहतर सेवा देने में सक्षम होते हैं।’