भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) इस वित्त वर्ष में सालाना प्रीमियम समतुल्य (एपीई) में दो अंकों में वृद्धि का लक्ष्य कर रही है। इस वृद्धि से नए लॉन्च उत्पादों और एजेंसी चैनलों को मजबूत करने से मदद मिलेगी। निगम के प्रबंधन ने नतीजों के बाद एनालिस्ट कॉल में बताया कि वे किसी एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने के विकल्प भी तलाशेंगे।
जीवन बीमा उद्योग में नए कारोबार की बिक्री को मापने का सामान्य तरीका एपीई होता है। इसकी गणना सालाना नियमित प्रीमियमों में एकल प्रीमियमों का 10 फीसदी हिस्सा जोड़कर की जाती है। एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने एनालिस्ट कॉल के दौरान बताया कि वित्त वर्ष 25 में अतिरिक्त वृद्धि उत्पाद और चैनल दोनों से होगी।
उन्होंने बताया, ‘हमने बीते वर्ष दिशानिर्देश में बदलाव के कारण नॉन-पार सेगमेंट में कुछ उत्पाद पेश किए थे और हमें वांछित परिणाम हासिल हुए।’ वित्त वर्ष 24 में सालाना एपीई में गैर भागीदारी (नॉन-पार) उत्पाद बढ़कर 18.32 फीसदी हो गए जबकि यह वित्त वर्ष 23 में 8.89 फीसदी थे।