कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अगले एक सप्ताह में बॉन्ड जारी करके 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। सरकार द्वारा संचालित बैंक ऑफ इंडिया ने भी बुधवार को टियर-2 बॉन्ड जारी करके 2,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।
मंगलवार को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने बॉन्डों के माध्यम से 8,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिनकी परिपक्वता अवधि 4 साल 5 महीने और कूपन दर 7.34 प्रतिशत है। डीलरों ने कहा कि कूपन दर बाजार की 7.40 प्रतिशत की अपेक्षा की तुलना में बेहतर तय हुई है।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘बाजार की उम्मीदों की तुलना में कूपन बेहतर था। बाजार इसे 7.40 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान लगा रहा था। दर में कमी इसलिए आई, क्योंकि सेकंडरी मार्केट में सिडबी के 5 साल के पेपर का 7.32 प्रतिशत पर सौदा हुआ।’
उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और म्युचुअल फंड प्रमुख बोलीदाता होंगे।’ पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लागू किए गए जोखिम अधिभार मानकों के कारण बैंक ऋण महंगा हुआ है, ऐसे में एनबीएफसी ने कॉरर्पोरेट बॉन्डों व अन्य साधनों से उधारी बढ़ा दी है।
चालू तिमाही में अब तक एनबीएफसी ने कॉर्पोरेट बॉन्डों के माध्यम से 88,340 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 84,135 करोड़ रुपये जुटाए थे।
रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘सिडबी द्वारा जुटाए गए 8,000 करोड़ रुपये इस वित्त वर्ष में किसी गैर बैंक द्वारा बॉन्ड जारी कर जुटाई गई सबसे बड़ी राशि है। इसके लिए 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली आई और पूरी राशि 7.34 प्रतिशत पर मिल गई। एएए माइनस रेटिंग वाले बॉन्डों की मजबूत मांग, रिजर्व बैंक द्वारा दर में कटौती की उम्मीद और बैंकिंग व्यवस्था में तंग नकदी की स्थिति के कारण निवेशकों की रुचि बढ़ रही है।
एमसीएलआर दरें अभी बहुत ज्यादा हैं, जिसके कारण कॉर्पोरेट इस समय सस्ते धन के लिए बॉन्ड की ओर मुड़ रहे हैं। फेड द्वारा हाल की कटौती से रिजर्व बैंक द्वारा रीपो दर घटाए जाने की उम्मीद बढ़ी है, जिससे कॉर्पोरेट बॉन्ड की मांग को बल मिला है।’ बुधवार को महिंद्रा ऐंड महिंद्रा फाइनैंशियल सर्विसेज (एमऐंडएम फाइनैंशियल) ने दो योजनाओं के माध्यम से धन जुटाने की योजना बनाई है। इसमें पहला 8.24 प्रतिशत पर 10 साल के सबॉर्डिनेट डेट से 750 करोड़ रुपये जुटाना और दूसरा 8.01 प्रतिशत यील्ड पर दिसंबर 2027 में परिपक्वता वाले बॉन्डों से 1,250 करोड़ रुपये की योजना शामिल है।
बजाज फाइनैंस 7.70 प्रतिशत यील्ड पर 10 साल के बॉन्डों से 500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है, जिसके अगले सप्ताह जारी होने की उम्मीद है।
टाटा कैपिटल हाउसिंग ने भी अपने जुलाई 2034 बॉन्डों के माध्यम से 250 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।
एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस अगस्त 2034 में परिपक्व होने वाले 3,000 करोड़ रुपये तक के बॉन्डों के लिए बोलियां आमंत्रित कर रही है, वहीं बैंक ऑफ इंडिया 10 साल के टियर 2 बॉन्ड की बिक्री के माध्यम से 2,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है।