गिफ्ट सिटी की अहमियत लगातार बढ़ रही है और ज्यादा से ज्यादा बैंक, परिसंपत्ति प्रबंधक, बीमा कंपनियां और विदेशी निवेशक वृद्धि की क्षमता को भांपते हुए देश के पहले और एकमात्र इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) में कारोबार जमाने का विकल्प चुन रहे हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में गिफ्ट सिटी के तंत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। गिफ्ट सिटी का लक्ष्य दुबई, सिंगापुर और लंदन जैसे पारंपरिक केंद्रों से निवेश को यहां लाना है। इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (आईएफएससीए) के कार्यकारी निदेशक दीपेश शाह ने कहा कि आईएफएससीए के गठन से पहले यहां सिर्फ 129 ने पंजीकरण कराया था। लेकिन अब पंजीकृत फर्मों की कुल संख्या 725 हो गई है।
पीडब्ल्यूसी के पार्टनर कुणाल शाह ने कहा कि लगभग एक दशक पहले मॉरीशस को फंड स्थापित करने के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्राधिकार माना जाता था। एक प्लेटफॉर्म के रूप में गिफ्ट सिटी शुरू होने से इसने वास्तव में कई कंपनियों और सामान्य साझेदारों (जीपी) को सबसे कुशल तरीके से प्लेटफॉर्म स्थापित करने में मदद की है। अधिकांश पैनलिस्टों ने कहा कि अन्य लोकप्रिय विदेशी न्यायाधिकार क्षेत्रों की तुलना में गिफ्ट सिटी की मुंबई से निकटता का बड़ा फायदा है।
जुलाई में गिफ्ट सिटी में एक बैंक शाखा स्थापित करने वाले बीएनपी पारिबा के प्रमुख (कॉरपोरेट कवरेज और सलाहकार) गणेशन मुरुगैयन को उम्मीद है कि बढ़ते व्यावसायिक अवसरों के कारण गिफ्ट सिटी में और अधिक कंपनियां आएंगी। हम भारतीय कंपनियों के बहुत सारे बॉन्ड वहां से जुटाए जा रहे हैं।
मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के बिजनेस डेवलपमेंट, रणनीति और अंतरराष्ट्रीय बिक्री प्रमुख वैभव शाह ने कहा कि गिफ्ट सिटी की अपील प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) ही नहीं, दूसरों के लिए भी है। एचडीएफसी लाइफ इंटरनैशनल और री-इंश्योरेंस के सीईओ राहुल प्रसाद ने कहा कि गिफ्ट सिटी से बीमाकर्ताओं को जीवन और स्वास्थ्य दोनों तरह की योजनाएं लाने की इजाजत है जो विदेशी नागरिकों, मुख्य रूप से एनआरआई को डॉलर-मूल्य वाली पॉलिसियां खरीदने के लिए लुभाएंगी।