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Jan Dhan Accounts Closure: सरकारी बैंकों ने अप्रैल में बंद किये 15 लाख जन धन खाते

वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि एकमुश्त कार्रवाई डुप्लीकेट और लेन देन नहीं करने वाले खातों को बंद करने के लिए की गई

Last Updated- September 04, 2025 | 9:12 AM IST
Jan Dhan Account
Representational Image

Jan Dhan Accounts Closure: सरकारी बैंकों ने इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री जनधन योजना के शून्य शेष खाते वाले करीब 15 लाख निष्क्रिय खातों को बंद कर दिया। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि एकमुश्त कार्रवाई डुप्लीकेट और लेन देन नहीं करने वाले खातों को बंद करने के लिए की गई। प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरुआत अगस्त 2014 में हुई थी। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। यह योजना बैंकिंग की सुविधा से वंचित बड़ी आबादी को वित्तीय समावेशन कार्यक्रम में शामिल करने के लिए शुरू की गई थी।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोक सभा को लिखित जवाब में बताया था कि 31 जुलाई, 2025 को प्रधानमंत्री जनधन योजना के कुल 56.03 करोड़ खातों में 23 प्रतिशत 13.04 करोड़ निष्क्रिय थे। चौधरी ने बताया था कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक निष्क्रिय जन धन खाते 2.75 करोड़ थे। इसके बाद बिहार में 1.39 करोड़ और मध्य प्रदेश में 1.07 करोड़ खाते थे।

भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के मुताबिक खाते में दो वर्ष तक कोई लेन-देन नहीं होने की स्थिति में उस खाते को इनआपरेटिव/डोरमेंट माना जाना चाहिए। यह योजना बीते महीने 11 वर्ष पूरे कर चुकी है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैंक जन धन योजना के तहत निष्क्रिय खातों को कम करने के लिए प्रयासरत हैं और संबंधित खाताधारकों से संबंध स्थापित कर रहे हैं।

मंत्रालय ने बताया, ‘इस अभियान की शुरुआत के बाद 1 जुलाई 2025 तक विभिन्न जिलों में 1,77,102 शिविर लगाए गए थे। इन शिविरों में वित्तीय प्रमुख योजना में शामिल लाभार्थियों को नामांकन की सुविधा व वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दिया गया।’

सरकार ने दी थी निष्क्रिय खातों को बंद करने की सलाह 

बिजनेस स्टैंडर्ड ने 6 जुलाई को खबर दी थी कि सरकार ने सरकारी बैंकों को प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत निष्क्रिय खातों को बंद करने की सलाह दी थी। दरअसल, इन खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के माध्यम से धन की हेराफेरी या काले धन को सफेद धन करने के लिए करने के कई उजागर हुए हैं। हालांकि वित्त मंत्रालय ने 8 जुलाई को स्पष्ट किया कि मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने बैंकों को प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत निष्क्रिय खातों को बंद करने का निर्देश नहीं दिया था।

इस सिलसिले में वित्त मंत्रालय को 28 अगस्त को ईमेल के जरिये सवाल भेजे गए थे लेकिन जवाब नहीं मिला। यूको बैंक के एमडी व सीईओ अश्विनी कुमार ने जुलाई, 2025 में बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में बताया था कि कुछ ग्राहकों के विभिन्न बैंकों में कई खाते होने और अन्यत्र डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) करना बैंकों के समक्ष मुख्य समस्या है।

First Published - September 4, 2025 | 9:12 AM IST

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