इंडियन ओवरसीज बैंक दूसरा सबसे मूल्यवान सार्वजनिक बैंक बन गया है और बैंक का बाजार पूंजीकरण 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। सरकारी स्वामित्व वाले लेनदारों के निजीकरण की खबरो के कारण बीएसई पर आईओबी का शेयर पिछले एक महीने में करीब 80 फीसदी चढ़ गया है।
बंद आधार पर बैंक का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार के कारोबारी सत्र की समाप्ति पर 51,887 करोड़ रुपये पर पहुंच गया और इस तरह से उसने पंजाब नैशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को बाजार पूंजीकरण के मामले में पीछे छोड़ दिया। आईओबी ने जहां बुधवार को ही बीओबी को पीछे छोड़ दिया था, वहीं उसने गुरुवार को पीएनबी को मात दी और उसके अगले दिन अपनी बढ़त में और इजाफा कर लिया।
शुक्रवार के कारोबारी सत्र की समाप्ति के आधार पर पीएनबी का बाजार मूल्यांकन 46,356 करोड़ रुपये और बीओबी का 44,060 करोड़ रुपये है और अब यह पीएसबी में क्रमश: तीसरे व चौथे पायदान पर है। पिछले एक महीने में पीएनबी की बाजार कीमत में 4 फीसदी की गिरावट आई है जबकि बीओबी में 5 फीसदी की फिसलन देखने को मिली है पर सेंसेक्स 1.2 फीसदी चढ़ा है।
आईओबी का शेयर 30 जून को चार साल के उच्चस्तर 29 रुपये को छू गया था, जो मई 2017 के बाद का सर्वोच्च स्तर है। इस खबर के बाद कि आईओबी व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का निजीकरण पहले चरण में किया जा सकता है, उसमें उछाल आई है। मीडिया खबरों के मुताबिक, पहले चरण में दोनों लेनदारों की 51 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश किया जा सकता है।
निजीकरण की योजना का ऐलान आम बजट में किया गया था और यह सरकार की व्यापक विनिवेश योजना (वित्त वर्ष 22) का हिस्सा है। इसमें कई अन्य गैर-वित्तीय सरकारी इकाइयां व पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम शामिल है।
जनवरी-मार्च (वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही) में आईओबी का शुद्ध लाभ दो गुना से ज्यादा उछालकर 350 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसमें गैर-ब्याज आय में अच्छी खासी बढ़ोतरी का योगदान रहा। बैंक का लाभ एक साल पहले 144 करोड़ रुपये रहा था। क्रमिक आधार पर भी यह दिसंबर 2020 की तिमाही के 213 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ से ज्यादा है। बैंंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता मेंं सुधार दर्ज हुआ और 31 मार्च को सकल एनपीए उसकी सकल उधारी का 11.69 फीसदी रहा, जो एक साल पहले 14.78 फीसदी रहा था। शुद्ध एनपीए भी 5.44 फीसदी के मुकाबले घटकर 3.58 फीसदी रह गया।
बैंक की योजना त्वरित उपचारात्मक कार्यवाही (पीसीए) से बाहर निकलने की है, जिसके लिए वह रिकवरी, कम लागत वाली जमाओं व उधारी में कम पूंजी को शामिल करने जैसे कदम उठा रहा है। आईओबी ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
बैंक के निदेशक मंडल ने 2021-22 के लिए पूंजी की योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत एफपीओ/राइट्स इश्यू के जरिए अधिकतम 1.25 अरब इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। यह इश्यू भारत सरकार की भागीदारी के बिना हो सकता है, जिसकी हिस्सेदारी आईओबी में 96.38 फीसदी है।
