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आईडीएफसी फर्स्ट, बंधन बैंक के लिए हालात अनुकूल रहने के आसार

Last Updated- December 10, 2022 | 2:12 AM IST

बंधन बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को अपना परिचालन शुरू किए पांच साल हो गए हैं। दोनों बैंकों के बीच एक दिलचस्प समानता यह है कि इन बैंकों ने अपने विस्तार एवं अधिग्रहण के जरिये दायरा मजबूत किया है। बंधन द्वारा अपने आवास वित्त पोर्टफोलियो में 2018 में गृह फाइनैंस को शामिल करने और आईडीएफसी बैंक के कैपिटल फस्र्ट के साथ विलय (अब आईडीएफसी फस्र्ट बैंक के नाम से चर्चित) ने उसे बहुप्रतीक्षित रिटेल बदलाव में सक्षम बनाया और इससे संगठनात्मक बदलावों को भी मदद मिली है।
ब्लूमबर्ग के सर्वे में शामिल 83 प्रतिशत विश्लेषक बंधन बैंक पर सकारात्मक हैं और पांच साल में यह बाजार लोकप्रियता और मूल्यांकन के संदर्भ में आईडीएफसी फस्र्ट बैंक से आगे रहा है। लेकिन यदि बैलेंस शीट की मजबूती का आकलन करें तो पता चलता है कि आईडीएफसी फस्र्ट बैंक बेहतर स्थिति में है।
आईडीएफसी फस्र्ट बैंक को खासकर रिटेल मोर्चे पर अपने बेहद मजबूत एवं डाइवर्सिफाइड बहीखाते से मदद मिली है, जिसमें  आवास ऋण, उपभोक्ता ऋण, वाहन ऋण, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्येागों (एमएसएमई) के लिए ऋण शामिल हैं।  अपनी थोक बिक्री परिसंपत्तियों को नुकसान के साथ बेचने या बट्टे खाते में डालने की बैंक की क्षमता से उसे खुदरा-केंद्रित (परिसंपत्तियों का 56 प्रतिशत) बुक में मदद मिली है। हालांकि बहीखाते में 46,377 करोड़ रुपये के थोक बिक्री ऋणों के साथ, एडलवाइस का कहना है कि यदि निकट भविष्य में प्रमुख व्यवसायों में तेजी आती है तो परिसंपत्ति गुणवत्ता चिंताएं बनी रहेंगी।
बंधन के लिए, जहां गृह के अधिग्रहण से उसके हाउसिंग पोर्टफोलियो में ऋणा का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत पर पहुंचा है, वहीं माइक्रोफाइनैंस यानी बेहद छोटे ऋणों (कुल बहीखाते का 65 प्रतिशत) पर निर्भरता नहीं घटी है, और रिटेल ऋणों का योगदान महज एक प्रतिशत है। बैंक की विविधता पर जोर देने की कोशिश के परिणाम सामने आने बाकी हैं।
जहां तक मुनाफे का सवाल है, आठ प्रतिशत शुद्घ ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के साथ बंधन बैंक अब काफी आकर्षक दिख रहा है, हालांकि मार्जिन हाल के वर्षों में काफी घटा है। इक्विरस सिक्योरिटीज को अपेक्षाकृत कम प्रतिफल वाले उत्पादों के प्रति बदलाव के बीच वित्त वर्ष 2023 में बैंक के लिए एनआईएम घटकर 7.1 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है। आईडीएफसी फस्र्ट बैंक के मामले में, एनआईएम वित्त वर्ष 2019 के 2 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में 4.57 प्रतिशत हो गया।

First Published - January 5, 2021 | 11:52 PM IST

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