टाटा स्टील ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 272 प्रतिशत की उछाल दर्ज की और यह बढ़कर 3,101.75 करोड़ रुपये हो गया। देश में बिक्री की मात्रा में वृद्धि और नियोजित लागत कटौती के कारण यह वृद्धि हुई। एक साल पहले इसी अवधि में इस प्रमुख इस्पात कंपनी का शुद्ध लाभ 833.45 करोड़ रुपये रहा था।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में समेकित आधार पर कुल राजस्व 58,689.29 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 8.9 प्रतिशत अधिक है। राजस्व और शुद्ध लाभ दोनों ही ब्लूमबर्ग के क्रमशः 55,897.6 करोड़ रुपये और 2,739.6 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक रहे। तिमाही आधार पर राजस्व 10.4 प्रतिशत और शुद्ध लाभ 49.3 प्रतिशत बढ़ा।
टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने इस प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘परिचालन का वैश्विक माहौल लगातार टैरिफ वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और बढ़े हुए इस्पात निर्यात के कारण चुनौतीपूर्ण बना रहा। इसके बावजूद टाटा स्टील ने लगातार दूसरी तिमाही में एबिटा मार्जिन में सुधार के साथ दमदार प्रदर्शन किया।’
उन्होंने कहा, ‘भारत में जहां कच्चे इस्पात का उत्पादन आठ प्रतिशत बढ़ा, वहीं आपूर्ति में तिमाही आधार पर 17 प्रतिशत की अधिक दर के साथ वृद्धि हुई क्योंकि हमारी मार्केटिंग फ्रैंचाइजी ने हमें कारगरत तरीके से विस्तार करने में सक्षम बनाया।’
टाटा स्टील इंडिया ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 34,787 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 32,660 करोड़ रुपये था। तिमाही के दौरान करोपरांत लाभ 4,215 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले यह 3,460 करोड़ रुपये था।
वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली कंपनी अशोक लीलैंड का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सात प्रतिशत बढ़कर 820 करोड़ रुपये रहा। लाभ में यह वृद्धि विभिन्न खंडों में मजबूत बिक्री के कारण हुई है। हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 767 करोड़ रुपये रहा था।
अशोक लीलैंड ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी परिचालन आय एकीकृत आधार पर बढ़कर 12,577 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 11,142 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने कहा कि दूसरी तिमाही में एमएचसीवी (मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहन) और एलसीवी (हल्के वाणिज्यिक वाहन) दोनों खंड में सकारात्मक वृद्धि रही।
एशियन पेंट्स के शुद्ध लाभ में सितंबर में समाप्त तिमाही के दौरान 43 प्रतिशत का इजाफा हुआ। देश की सबसे बड़ी पेंट निर्माता कंपनी का लाभ बढ़कर 993.6 करोड़ रुपये हो गया और इसके सजावटी पेंट कारोबार (भारत) का वॉल्यूम 10.9 प्रतिशत बढ़ा। राजस्व में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। तिमाही के दौरान कंपनी की शुद्ध बिक्री 8,531.3 करोड़ रुपये रही और इसमें 6.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
कंपनी ने कहा कि सितंबर में दो अंकों में वॉल्यूम वृद्धि और मूल्य में इजाफे के साथ उसके देसी सजावटी कारोबार में सुधार हुआ है। उसके अंतरराष्ट्रीय कारोबार में वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के दौरान बिक्री 9.9 प्रतिशत तक बढ़कर 846.0 करोड़ रुपये हो गई। स्थिर मुद्रा के लिहाज से बिक्री में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एशियन पेंट्स ने शेयर बाजार को दी एक अलग सूचना में बताया कि बुधवार को हुई उसके निदेशक मंडल की बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए एक रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर पर 4.50 रुपये के अंतरिम लाभांश के भुगतान को मंजूरी दी गई।
शालीमार पेंट्स लिमिटेड ने बुधवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध घाटा घटकर 13.93 करोड़ रुपये रह गया। शालीमार पेंट्स ने एक्सचेंज को एक नियामकीय सूचना में बताया कि कंपनी ने एक साल पहले जुलाई-सितंबर की अवधि में 19.37 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में कंपनी का परिचालन राजस्व एक साल पहले के 144.74 करोड़ रुपये से घटकर समीक्षाधीन अवधि में 133.81 करोड़ रुपये रह गया।
कुल व्यय 151.26 करोड़ रुपये रहा, जो साल-दर-साल 8.7 प्रतिशत कम है। कुल आय, जिसमें अन्य आय भी शामिल है, 137.12 करोड़ रुपये रही, जो साल-दर-साल 6.16 प्रतिशत कम है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल एकीकृत राजस्व 6.5 प्रतिशत बढ़कर 293.24 करोड़ रुपये हो गया।
आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स (आईआरबी इन्फ्रा) ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान शुद्ध लाभ में 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 140 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के टोल राजस्व में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। कंपनी और उसके निजी इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (इनविट) संयुक्त उद्यम आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट का कुल टोल राजस्व इस तिमाही के दौरान 1,667 करोड़ रुपये रहा।
पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह राजस्व 1,503 करोड़ रुपये था। आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक वीरेंद्र म्हैस्कर ने कहा, ‘वर्ष की पहली छमाही, विशेष रूप से दूसरी तिमाही ने कठिन और लंबे समय तक रहे मॉनसून के बावजूद टोल राजस्व वृद्धि में जोरदार रफ्तार का प्रदर्शन किया। इससे हमारा विश्वास और मजबूत होता है कि आने वाली तिमाहियों में समेकन की लगातार रफ्तार से वृद्धि में और तेजी आएगी।’
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का जुलाई-सितंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 50 प्रतिशत घटकर 1911.19 करोड़ रुपये रह गया। पिछले साल समान अवधि में उसका मुनाफा 4,082.53 करोड़ रुपये था। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि कंपनी की कुल आय जुलाई-सितंबर 2025 में सालाना आधार पर 7,345.96 करोड़ रुपये से घटकर 6,309.48 करोड़ रुपये रह गई। व्यय भी घटकर 5,991.49 करोड़ रुपये रह गया जो एक साल पहले इसी अवधि में 6,450.38 करोड़ रुपये था।
कंपनी ने अलग से बयान में बताया कि उसके ‘ निदेशक मंडल ने वृद्धि की वित्तीय सहायता के लिए विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) जारी कर 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने के लिए शेयरधारकों से सक्षम समाधान प्राप्त करने को मंजूरी दे दी है’ कंपनी की एकीकृत निवल संपत्ति 30 सितंबर 2025 तक बढ़कर 16,921 करोड़ रुपये हो गई, जो 30 जून 2025 तक के 14,855 करोड़ रुपये से 14 प्रतिशत अधिक है।
सार्वजनिक क्षेत्र की एमएसटीसी का सितंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 12 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 47.49 करोड़ रुपये हो गया, जो राजस्व में वृद्धि के कारण संभव हुआ। कंपनी ने एक नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी। इससे पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में उसे 42.34 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित हुआ था।
एमएसटीसी की कुल आय एक साल पहले की दूसरी तिमाही के 93.65 करोड़ रुपये से बढ़कर 102.30 करोड़ रुपये हो गई, जो सालाना आधार -दर-साल नौ प्रतिशत अधिक है। ई-कॉमर्स खंड ने दूसरी तिमाही में 97.55 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ आय में मुख्य योगदान दिया, जो एक साल पहले 89.56 करोड़ रुपये था। इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत एमएसटीसी, ई-नीलामी, ई-बिक्री, ई-खरीद और ई-निविदा सहित व्यापक ई-कॉमर्स सेवाएं प्रदान करती है।
पराग मिल्क फूड्स लिमिटेड का वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 56.28 प्रतिशत बढ़कर 45.65 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का गत वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में मुनाफा 29.21 करोड़ रुपये रहा था।
पराग मिल्क फूड्स ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि जुलाई-सितंबर तिमाही में कुल आय 15.58 प्रतिशत बढ़कर 1,025.98 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 887.61 करोड़ रुपये थी। समीक्षाधीन अवधि में व्यय सालाना आधार पर 852.04 करोड़ रुपये से बढ़कर 975.49 करोड़ रुपये हो गया।
आर्थिक संकटों का सामना कर रही विमानन कंपनी स्पाइसजेट का चालू वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में शुद्ध घाटा एक साल पहले के मुकाबले 35.6 फीसदी बढ़कर 621.5 करोड़ रुपये हो गया। डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट, बड़ी संख्या में विमानों के खड़े होने तथा भारत के चारों ओर हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध के कारण कंपनी का घाटा बढ़ा है।
स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, ‘प्रतीक्षित रखरखाव के कारण पूरे बेड़े के कुछ हिस्से का परिचालन नहीं होने, हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध तथा डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपये के कारण तिमाही के दौरान कंपनी के परिणाम प्रभावित हुए।’
अजय सिंह बताया कि कंपनी को इस साल सितंबर तिमाही में 49.33 करोड़ रुपये का विदेशी मुद्रा घाटा हुआ, जबकि एक साल पहले की इसी तिमाही में 7.44 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यह घाटा मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा विनिमय दरों में बदलाव के कारण पट्टा देनदारियों के पुनर्मूल्यांकन से हुआ।
यह दर्शाता है कि इस साल मुद्रा में उतार-चढ़ाव का पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कहीं अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ा। प्लेनस्पॉटर्स डॉट नेट के अनुसार, स्पाइसजेट के बेड़े में फिलहाल करीब 65 विमान हैं, जिनमें से 35 खड़े हैं। कंपनी शेष 30 विमानों के जरिये वाणिज्यिक उड़ानें संचालित कर रही है।