Groww IPO Listing: ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म ग्रो आईपीओ के शेयर बुधवार (12 नवंबर) को शेयर बाजार में प्रीमियम पर लिस्ट हो गए। कंपनी के शेयर बीएसई पर 114 रुपये पर लिस्ट हुए। यह आईपीओ प्राइस बैंड के अपर एंड 100 रुपये से 14 रुपये या करीब 14 फीसदी ज्यादा है। वहीं, एनएसई पर लेंसकार्ट के शेयर 112 रुपये पर लिस्ट हुए, जो की इश्यू प्राइस से 12 रुपये से 12 फीसदी प्रीमियम पर है।
ग्रो आईपीओ की लिस्टिंग ग्रे मार्केट के अनुमान से ज्यादा रहा। बाजारों पर नजर रखने वाले सूत्रों के अनुसार, लिस्टिंग से पहले ग्रो के नॉन-लिस्टेड शेयर 105 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। यह इश्यू प्राइस के मुकाबले 5 रुपये या 5 प्रतिशत का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) था। जबकि शेयर 14 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुए।
निवेशकों से अच्छा रिस्पांस मिलने और करीब 18 गुना सब्सक्रिप्शन मिलने के बाद आईपीओ अप्लाई करने के लिए शुक्रवार (7 नवंबर) को बंद हो गया था। आईपीओ अप्लाई करने के लिए बुधवार (5 अक्टूबर) को खुला था।
डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म ग्रो की मूल कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स के आईपीओ को करीब 18 गुना आवेदन मिले। कंपनी को करीब 64,000 करोड़ रुपये की बोलियां हासिल हुईं। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (QIBs) की केटेगरी में 22 गुना आवेदन मिले जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (NIIs) की श्रेणी में 14.2 गुना बोलियां मिलीं। रिटेल निवेशक की केटेगरी को 9.4 गुना अप्लाई किया गया।
नए इश्यू से प्राप्त रकम का उपयोग कंपनी के क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, सहायक कंपनियों में निवेश करने और संभावित अधिग्रहणों में किया जाएगा। ग्रो की लिस्टिंग ऐसे समय हो रही है जब प्रतिभूति बाज़ार में खुदरा भागीदारी बढ़ रही है, चाहे वह प्रत्यक्ष इक्विटी हो या म्युचुअल फंड। इस प्लेटफ़ॉर्म से भारत के लगभग एक-चौथाई सक्रिय ट्रेडिंग ग्राहक जुड़े हुए हैं और लगभग एक-तिहाई एसआईपी ग्रो के माध्यम से हैं।
मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे के अनुसार, ग्रो का शेयर भारत में बढ़ती खुदरा भागीदारी से लाभान्वित होने वाले एक लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चरल अवसर का प्रतिनिधित्व करता है।
तापसे ने कहा, ”लिस्टिंग के समय ग्रो का अनुमानित वैल्यूएशन उचित है क्योंकि कंपनी ने 10 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स को पार करते हुए तेजी से ग्राहक वृद्धि दर्ज की है। इसके अलावा, इसका मजबूत ब्रांड पहचान, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) और म्यूचुअल फंड वितरण में बढ़ता बाज़ार हिस्सा और स्केलेबल डिजिटल मॉडल इसे लॉन्ग टर्म आउटलुक दृष्टि से आकर्षक बनाता है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि जिन निवेशकों को ग्रो के शेयर अलॉट हुए हैं, उन्हें इसे मध्यम से लॉन्ग टर्म अवधि के लिए होल्ड करना चाहिए। जबकि नए निवेशक किसी भी लिस्टिंग के बाद आने वाली गिरावट के दौरान इसमें एंट्री करने पर विचार कर सकते हैं, यदि वैल्यूएशन आकर्षक रहे और कारोबार की वृद्धि जारी रहे।