भुगतान क्षेत्र के ढांचे की प्रमुख कंपनी जसपे (juspay) शेयर बाजार में सूचीबद्धता से पहले अंतरराष्ट्रीय विस्तार और भारतीय बाजार में अपनी पैठ बढ़ाकर एक अरब डॉलर के राजस्व पर नजर लगा रही है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी शीतल लालवानी ने यह जानकारी दी।
यह ऐसे समय में हो रहा है जब बेंगलूरु की कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 514 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक राजस्व अर्जित किया है। यह सालाना आधार पर 61 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी ने उस वर्ष 62 करोड़ रुपये का करोपरांत लाभ (पीएटी) दर्ज किया था जो उसका मुनाफे वाला पहला वर्ष था।
लालवानी ने कंपनी के मीडिया राउंडटेबल में कहा, ‘अगर आप सचमुच मानते हैं कि भुगतान और प्रौद्योगिकी का बुनियादी ढांचा वैश्विक हो सकता है, तो हमारी आकांक्षा है कि हम पहले एक अरब डॉलर का राजस्व क्यों न हासिल कर लें? जब हमें यह स्पष्टता और भरोसा हो जाएगा कि हम वाकई वैश्विक कंपनी हैं, राजस्व वगैरह के लिहाज से भी तो हम इस (आईपीओ) पर विचार कर सकते हैं।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल आईपीओ की कोई योजना नहीं है। हमने अभी यही कहा है और निवेशक इसका बहुत समर्थन कर रहे हैं।
जसपे ने हाल में अमेरिका, यूरोप, एशिया प्रशांत और लैटिन अमेरिका में नए कार्यालयों के साथ वैश्विक उपस्थिति बढ़ाई है। कंपनी का अधिकांश राजस्व लगातार भारत से आ रहा है और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजारों का योगदान लगभग दो प्रतिशत है। इस साल की शुरुआत में रेजरपे, कैशफ्री पेमेंट्स और फोनपे जैसे भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) ने जसपे जैसे तीसरे-पक्ष वाले भुगतान ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म के जरिये भुगतान के बजाय सीधे व्यापारियों को जोड़ने पर जोर दिया था।