सेबी के आगाह करने के बाद डिजिटल सोना बेचने वाले फिनटेक प्लेटफॉर्मों से निवेशकों के निकलने की दर में लगभग 3 गुना इजाफा हुआ है। उद्योग सूत्रों ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने लोगों को ऐसी योजनाओं के प्रति सतर्क किया था। कई प्रतिभागियों ने माना कि इस सलाह ने प्लेटफॉर्मों को मुश्किल में डाल दिया है।
8 नवंबर को सेबी ने एक बयान में कहा कि डिजिटल सोने की योजनाएं बाजार नियामक के दायरे से बाहर हैं। इसका मतलब है कि नियामक सोने की भौतिक मौजूदगी और शुद्धता की पुष्टि के लिए फिनटेक प्लेटफॉर्म की पारंपरिक तिजोरियों का निरीक्षण नहीं कर सकता, क्योंकि ये कंपनियां नियामकीय निगरानी से बाहर काम करती हैं।
एक फिनटेक कंपनी के संस्थापक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को अब स्पष्ट हो गया है कि ये बिना नियमन वाली योजना हैं। भौतिक सोने की इन्वेंट्री और उसकी शुद्धता का ऑडिट करने वाला कोई नियामक नहीं है, जो एक समस्या बन सकती है।’ सेबी ने कहा कि डिजिटल या ई-गोल्ड की मार्केटिंग भौतिक सोने में निवेश के विकल्प के रूप में की जा रही है।
बाजार नियामक ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘ऐसी डिजिटल गोल्ड योजनाएं सेबी के नियमन वाली गोल्ड योजनाओं से अलग हैं क्योंकि इन्हें न तो प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाता है और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव के रूप में इनका नियमन किया जाता है। ये पूरी तरह सेबी के दायरे से बाहर संचालित होती हैं। ऐसे डिजिटल गोल्ड उत्पाद निवेशकों के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकते हैं और निवेशकों को परिचालन जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।’
तथापि कई सप्ताह की बढ़त के बाद सोने की कीमतों में नरमी आई है। अब फोकस इस पर हो गया है कि ये प्लेटफॉर्म अपने उपयोगकर्ता की जमा राशि के बदले कैसे अपनी स्वर्ण तिजोरियों का प्रबंधन करते हैं।
उद्योग के एक अन्य जानकार ने कहा, ‘इस बात की भी चिंता है कि कंपनियां अपने ग्राहक को पूरी तरह से जानने (केवाईसी) के मानदंडों का पालन कर रही हैं या नहीं और यूजर का रकम का स्रोत क्या है क्योंकि हो सकता है कि वे पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना डिजिटल सोना खरीद रहे हों।’
उद्योग जगत के जानकारों ने बताया कि अब ध्यान गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) पर है, क्योंकि उनका नियमन होता है और इसलिए वे सुरक्षित हैं।
एक कंपनी के संस्थापक ने बताया, ‘सेबी गोल्ड या सिल्वर ईटीएफ की पेशकश करने वाली फर्मों का नियमित ऑडिट करता है। अगर आप अभी डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं और उसके तुरंत बाद बेच देते हैं तो आपको कम कीमत मिल सकती है क्योंकि इसमें जीएसटी और कमीशन शामिल होता है, जो ईटीएफ में नहीं होता।’
लेकिन फिनटेक कंपनियों का मानना है कि वे सोने के भंडार के लिए अधिकृत गोल्ड लॉजिस्टिक्स भागीदारों के साथ काम करती हैं और केवल तकनीक ही मुहैया कराती हैं जो उपयोगकर्ताओं को सोने में निवेश करने में सक्षम बनाती है।
जार और गुल्लक जैसी विशेष फिनटेक कंपनियों की लोकप्रियता बढ़ी है, जिन्होंने उपयोगकर्ताओं को डिजिटल सोने में आवर्ती छोटी राशि का निवेश करने में सक्षम बनाया है। पेटीएम, फोनपे और अन्य कंपनियों ने भी अपने उपयोगकर्ताओं को डिजिटल सोने में निवेश की सुविधा दे रखी है।