पिछले 2 माह से गेहूं की कीमत में तेजी के बीच एक प्रमुख उद्योग संगठन ने रॉयटर्स से कहा कि 2023 में भारत का गेहूं उत्पादन सरकार के अनुमान से कम से कम 10 प्रतिशत कम है। लगातार दूसरे साल गेहूं का उत्पादन कम रहने से मोटे अनाज पर लगाम लगाने और खाद्य महंगाई पर काबू पाने की सरकार की कवायद पर असर पड़ सकता है। वहीं मॉनसून पर अलनीनो के पड़ने वाले असर को लेकर भी चिंता बनी हुई है।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार एस ने कहा, ‘बाजार में गेहूं की उपलब्धता बहुत कमजोर है। इससे पता चलता है कि उत्पादन 1,010 लाख टन से 1,030 लाख टन के बीच था।’
इस साल गेहूं के उत्पादन का उद्योग का अनुमान इसके पहले नहीं आया था। सरकार के मुताबिक गेहूं का उत्पादन बढ़कर 2023 में रिकॉर्ड 1,127.4 लाख टन हो गया है, जो इसके पहले साल में 1,077 लाख टन था।
भारत में गेहूं की सालाना खपत करीब 1,080 लाख टन है। किसान गेहूं की कटाई मार्च से शुरू कर देते हैं और सरकारी एजेंसियों व निजी कारोबारियों को अपनी फसल की बिक्री ज्यादातर जून तक करते हैं।
कुमार ने कहा कि किसानों की आपूर्ति पहले ही घट गई है, जिससे पता चलता है कि कृषि मंत्रालय का उत्पादन का अनुमान हकीकत से कहीं ज्यादा आशावादी है। दिल्ली में गेहूं की कीमत पिछले 2 महीने में 10 प्रतिशत बढ़कर 24,900 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई है।