facebookmetapixel
50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशीRupee vs Dollar: रुपया 88.44 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बनीब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को रखा बरकरार, 2024 में एक मगर 2025 में 4 बार हो सकती है कटौती

फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा, 'हाल के मुद्रास्फीति के आंकड़े वर्ष की शुरुआत की मुकाबले ज्यादा बेहतर रहे हैं, और हमारी मुद्रास्फीति के लक्ष्य की ओर मामूली प्रगति हुई है।

Last Updated- June 13, 2024 | 12:18 PM IST
Federal Reserve Chair Jerome Powell

US Fed Meeting : अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने इस बार की बैठक में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक के सभी अधिकारियों ने बेंचमार्क फंड्स रेट को 5.25% से 5.5% के दायरे में स्थिर रखने के लिए सहमति जताई है, जो कि जुलाई 2023 में पहली बार दो दशक की उच्चतम दर पर पहुंची थी। साथ ही साथ फेड ने यह भी संकेत दिया है कि अब इस साल केवल एक बार और रेट कट हो सकता है। अब ब्याज दरों में कटौती दिसंबर 2024 में हो सकती है। मार्च 2024 में फेडरल रिजर्व ने संकेत दिए थे कि इस साल तीन बार ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।

2025 में हो सकती है 4 बार ब्याज दरों में कटौती

फेडरल रिजर्व अधिकारियों ने इस साल केवल एक ब्याज दर कटौती का संकेत दिया है और 2025 के लिए आक्रामक रुख अपनाते हुए 3 से बढ़ाकर 4 बार ब्याज दरों में कटौती की अनुमान जताया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस साल 3 और अगले साल 4 बार ब्याज दरों में कटौती इसलिए की जा सकती है क्योंकि अमेरिका में महंगाई दर (Inflation rate) केंद्रीय बैंक की उम्मीद से कम मगर 2 फीसदी के लक्ष्य पर लौट रहा है।

महंगाई दर लक्ष्य की ओर

फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा, ‘हाल के मुद्रास्फीति के आंकड़े वर्ष की शुरुआत की मुकाबले ज्यादा बेहतर रहे हैं, और हमारी मुद्रास्फीति के लक्ष्य की ओर मामूली प्रगति हुई है। हमें मुद्रास्फीति को स्थायी रूप से 2% की ओर बढ़ते हुए देखने के लिए और अच्छे डेटा की जरूरत होगी।’

आर्थिक दृष्टिकोण पर फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने कहा है कि ब्याज दरें ऊंची बनी रहेंगी, क्योंकि पहले तिमाही में कीमतों का दबाव बढ़ा था। लेकिन यह बदलाव ज्यादा वर्तमान डेटा की ओर इशारा करता है, जिसमें अप्रैल और मई में मूल्य वृद्धि कम हुई है।

इकनॉमिक ग्रोथ में कैसा रहेगा प्रदर्शन

फेड अधिकारियों ने 2024 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.6% से बढ़ाकर 2.8% तक दिया है। उन्होंने इकनॉमिक ग्रोथ को 2.1% और बेरोजगारी दर को 4% पर बरकरार रखा। मई 2024 में बेरोजगारी दर बढ़कर 4% हो गई।

मई में अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल (nonfarm payrolls ) में 272,000 की बढ़ोतरी हुई, जो अर्थशास्त्रियों के ब्लूमबर्ग सर्वेक्षण में सभी अनुमानों को पार कर गया। साथ ही साथ औसत प्रति घंटा आय में भी इजाफा देखने को मिला।

First Published - June 13, 2024 | 9:36 AM IST

संबंधित पोस्ट