facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

भारत में वित्त वर्ष-24 में 33 फीसदी गिर सकता है यूरिया का आयात

Last Updated- March 24, 2023 | 11:53 PM IST
Urea

वित्त वर्ष 24 में यूरिया का आयात 40-50 लाख टन हो सकता है। यह वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 75 लाख टन से कम है। व्यापार व उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 24 में यूरिया के आयात में 33 फीसदी गिरावट का अनुमान है। आयात कम होने से नए संयंत्रों में घरेलू उत्पादन की क्षमताएं बढ़ेंगी और नैनो यूरिया का इस्तेमाल भी बढ़ेगा।

सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 24 में अनुमानित आयात का 10 से 15 लाख टन दीर्घावधि समझौते के तहत है। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक भारत ने वित्त वर्ष 22 के अप्रैल से फरवरी के दौरान करीब 81 लाख टन यूरिया का आयात किया था। यह इस वित्त वर्ष की आलोच्य अवधि में करीब 74 लाख टन था।

व्यापार व उद्योग के सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 24 में घरेलू उत्पादन तीन करोड़ टन होने का अनुमान है। यह वित्त वर्ष 23 के 2.8 करोड़ टन से भी अधिक रहा। बहरहाल खपत 3.3 से 3.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है। लिहाजा उत्पादन व मांग की बीच के अंतर को आयात से पूरा किया जाएगा। उद्योग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में मौसम और मानसून के अच्छे रहने पर यूरिया की खपत निर्भर करेगी। अलनीनो के कारण खेती का क्षेत्रफल घटने से यूरिया की खपत पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।’’

देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला उर्वरक यूरिया है। इसके बाद डी अमोनियम सल्फेट (डीएपी) का स्थान आता है। यूरिया के दाम पर सरकार ने भारी रियायत मुहैया करवा रखी है। इस वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी के दौरान यूरिया का उत्पादन करीब 261.1 लाख टन रहा। यह बीते वर्ष की आलोच्य अवधि की तुलना में 14 फीसदी अधिक है। अप्रैल से फरवरी के दौरान घरेलू उपभोग सहित बिक्री 341.7 लाख टन होने का अनुमान था। लिहाज बिक्री बीते वर्ष में आलोच्य अवधि के दौरान 6 फीसदी अधिक थी।

उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा था कि खरीफ की फसल की मांग को पूरा करने के लिए देश को हाजिर बाजार से यूरिया का आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि दीर्घावधि के तहत किए जाने वाले यूरिया का आयात होगा। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन और पर्याप्त भंडार होने के कारण खरीफ की फसल के लिए यूरिया की कोई कमी नहीं आएगी।

हालांकि उन्होंने कहा कि डीएपी का कुछ आयात होगा। मानसून आने के साथ ही खरीफ की फसल की बोआई शुरू होती है। खरीफ की मुख्य फसलें धान, कपास, दालें और सोयाबीन हैं।

मांडविया ने बताया कि खरीफ के लिए यूरिया की जरूरत 1.8 करोड़ टन होने का अनुमान था। खरीफ के लिए 1.943 करोड़ टन यूरिया उपलब्ध रहेगी। इसके तहत 1 अप्रैल से 55 लाख टन यूरिया शुरुआती स्टॉक में उपलब्ध रहेगी और अगले छह महीनों के दौरान 1.4 करोड़ टन का उत्पादन होने का अनुमान है। डीएपी का शुरुआती स्टॉक में 25 लाख टन है और इसका उत्पादन करीब 20 लाख टन होने का अनुमान है।

First Published - March 24, 2023 | 11:28 PM IST

संबंधित पोस्ट