महाराष्ट्र इस दशक के अंत तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दोगुना कर 1 लाख करोड़ डॉलर करने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम कर रहा है। राज्य में हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने जीत हासिल की है और वही दोबारा सरकार बनाएगा। नई सरकार का गठन 5 दिसंबर को होने की संभावना है।
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचने के बाद महाराष्ट्र का जीडीपी सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम, स्वीडन, यूएई और थाईलैंड जैसे प्रमुख देशों से अधिक हो जाएगा। नई सरकार कोशिश करेगी कि अर्थव्यवस्था 14 प्रतिशत सलाना चक्रवृद्धि दर से आगे बढ़े और अभी के 500 अरब डॉलर से बढ़कर दशक अंत तक 1 लाख करोड़ डॉलर पहुंच जाए। इससे राज्य में प्रति व्यक्ति जीडीपी वर्तमान के 3,300 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,500 अमेरिकी डॉलर हो जाएगा। संस्थागत निवेशकों और राज्य के शीर्ष अधिकारियों के बीच जेफरीज द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान संयुक्त सचिव और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विशेष अधिकारी कौस्तुभ दासवे ने ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य इस दशक के अंत तक अपना जीडीपी दोगुना कर 1 लाख करोड़ डॉलर पर लाना है। अधिकारी ने बताया कि इस लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए राज्य सरकार यह भी चाहती है कि विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत बढ़ाकर राज्य के जीडीपी के 21 प्रतिशत पर आ जाए।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 16 ऐसे उद्योगों को चिह्नित किया है जो लक्ष्य को हासिल करने में खासी मदद कर सकते हैं। इनमें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) तथा सेमीकंडक्टर जैसे 6 उभरते क्षेत्र भी शामिल हैं। इसका मकसद अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना है।
अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय केंद्र मुंबई और आईटी हब पुणे के साथ राज्य में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 59 प्रतिशत है। सरकार की कोशिश है कि सेवा क्षेत्र की यह हिस्सेदारी आगे भी इसी स्तर पर बनी रहे। राज्य सरकार ऐसी योजनाएं बना रही है कि कि बड़े जीसीसी (वैश्विक क्षमता केंद्र) पुणे में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आएं और शहर के मेट्रो और हवाई अड्डे जैसे बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश हो।
राज्य सरकार ऊर्जा सुधारों को भी आगे बढ़ाएगी। सरकार ने कृषि और उद्योगों समेत अन्य सब्सिडी नुकसान को कम करने के लिए 2017 में ग्रिड अलग करने की प्रक्रिया शुरू की थी। यह काम शीघ्र ही पूरा हो जाएगा और इसके बाद राजय में औद्योगिक इकायों को 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ बिजली 5.50 से 6 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी। ये कीमतें अन्य राज्यों के मुकाबले काफी प्रतिस्पर्धी हैं। राज्य सरकार ऊर्जा उत्पादन क्षमता भी 45 गीगावाट से बढ़ाकर अगले पांच साल में 84 गीगावाट करने की योजना पर काम कर रही है।
सरकार का लक्ष्य मुंबई में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना भी है। इसके लिए अगले 5 वर्ष में तटीय सड़कों और मेट्रो का विस्तार किया जाएगा।