facebookmetapixel
Groww IPO की शानदार लिस्टिंग, ₹114 पर लिस्ट हुए शेयर; निवेशकों को हर लॉट पर ₹2100 का फायदाGold and Silver Price Today: सोना-चांदी आज भी हुए महंगे! गोल्ड 1,24,400 रुपये के करीब; सिल्वर 1,55,600 रुपये के स्तर परTata Group में नई पीढ़ी की एंट्री! नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा बने ट्रस्टी, जानिए क्या है रतन टाटा से कनेक्शनभारत-भूटान ने किए 7 समझौते, 4000 करोड़ रुपये के ऊर्जा ऋण का ऐलान₹12 तक डिविडेंड पाने का आज आखिरी मौका! कल ये 6 कंपनियां करेंगी एक्स डेट पर ट्रेडलाल किले के पास विस्फोट की जांच अब NIA करेगी, पुलवामा से जुड़े मॉड्यूल पर सतर्कताअचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट तेजी का मौका! एनालिस्ट ने बताए 3 स्टॉक्स जो पहुंच सकते हैं ₹2,980 तकग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य में बदलाव, 2030 तक 30 लाख टन उत्पादन का नया टारगेटStock Market Update: आईटी शेयरों में तेजी से बाजार में मजबूती, सेंसेक्स 300 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25800 के पार

निवेश के मोर्चे पर लग सकता है जोर का झटका! FY25 और FY26 में 6.5% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान से कहीं कम यानी 5.4 प्रतिशत रही है। इसकी वजह निजी उपभोग व्यय और सकल स्थिर पूंजी निर्माण में गिरावट है।

Last Updated- December 25, 2024 | 3:03 PM IST
S&P upgrades India's rating

भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू और अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान से कहीं कम यानी 5.4 प्रतिशत रही है। इसकी वजह निजी उपभोग व्यय और सकल स्थिर पूंजी निर्माण में गिरावट है। ईवाई की रिपोर्ट में यह बात कही गई।

चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में जीडीपी की वृद्धि दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी। इससे पिछली तिमाही में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत थी। जुलाई-सितंबर में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट मुख्य रूप से घरेलू मांग के दो प्रमुख तत्वों…निजी अंतिम उपभोग व्यय और सकल स्थायी पूंजी निर्माण में संयुक्त रूप से 1.5 प्रतिशत अंक की कमी के कारण आई।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘मांग की एक उल्लेखनीय विशेषता निवेश में सुस्ती है, जैसा कि सकल स्थायी पूंजी निर्माण की वृद्धि में परिलक्षित होता है। इस वृद्धि के वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो छह तिमाहियों का निचला स्तर है। इस तथ्य के अलावा कि निजी निवेश की मांग में तेजी नहीं आई है, सरकार के निवेश खर्च की वृद्धि नकारात्मक रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इसमें 15.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।’’

‘ईवाई इकनॉमी वॉच दिसंबर’ 2024 में वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2024 वित्तीय वर्ष) और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। इसमें वित्त वर्ष 2047-48 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत के राजकोषीय दायित्व ढांचे में सुधार के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है।

Also read: स्टॉक मार्केट में बढ़ रही लोगों की दिलचस्पी, निवेशकों की संख्या 11 करोड़ के करीब पहुंची; महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा इन्वेस्टर

इसमें कहा गया कि टिकाऊ ऋण प्रबंधन, सरकारी बचत को खत्म करने तथा निवेश आधारित वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पुनर्संयोजित दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है, जिससे भारत के विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने का मार्ग प्रशस्त होगा।

ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी. के. श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन भारत को राजकोषीय विवेक बनाए रखते हुए सतत विकास को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हैं। अद्यतन रूपरेखा सरकारी बचत को खत्म करने, निवेश बढ़ाने तथा अधिक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये बदलाव न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान करेंगे बल्कि भारत के विकसित अर्थव्यवस्था में बदलाव का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे।’’

First Published - December 25, 2024 | 3:03 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट