facebookmetapixel
HSBC ने भारतीय शेयर बाजारों की रेटिंग बढ़ाई, ‘न्यूट्रल’ से अपग्रेड कर ‘ओवरवेट’ कियाPhonePe IPO: आईपीओ के लिए फोनपे की गोपनीय राह, ₹12,000 करोड़ जुटाने की योजनाम्युचुअल फंड में लिस्टेड कंपनियों का रिकॉर्ड ₹3.8 लाख करोड़ का निवेश, 1990 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ाकर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की X की याचिका, कहा- सहयोग पोर्टल जनता की भलाई का साधनStock Market: शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट; सेंसेक्स 386 अंक टूटारुपया क्यों गिर रहा है?UP International Trade Show: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन, नोएडा में कल से शुरू होगा ट्रेड शो; क्या है इस बार खास?मराठवाड़ा में भारी बारिश और बाढ़ से तबाही, सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को आर्थिक मदद का आश्वासन दियाफ्री बिजली से डिस्कॉम्स लाखों करोड़ के घाटे में!लद्दाख में हिंसक हुआ विरोध, 4 लोगों की मौत, 30 घायल; सोनम वांगचुक ने जताया दुख

धीमी पड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही; 7 तिमाही में सबसे कम

इस आंकड़े ने विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया क्योंकि वे वृद्धि दर 6.5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान लगा रहे थे।

Last Updated- November 29, 2024 | 10:12 PM IST
India's GDP growth rate estimated at 6.4%, slowest in four years भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.4% रहने का अनुमान, चार साल में सबसे धीमी

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश की आ​र्थिक वृद्धि दर में अनुमान से ज्यादा कमी आई है। दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही जो सात तिमा​ही में सबसे कम है। इस आंकड़े ने विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया क्योंकि वे वृद्धि दर 6.5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान लगा रहे थे।

औद्योगिक उत्पादन में नरमी और निवेश मांग कम रहने से वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ी है। इससे पूरे वित्त के लिए वृद्धि दर अनुमान घटाने की आशंका बढ़ गई है। एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 7 फीसदी जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा फरवरी में दर में कटौती किए जाने की संभावना भी बढ़ गई है।

राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 5.6 फीसदी रहा क्योंकि शुद्ध कर संग्रह की वृद्धि सात तिमाही में सबसे कम 2.7 फीसदी रही। जीडीपी और जीवीए में अंतर शुद्ध कर होता है।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि ऊंची ब्याज दरें और राजकोषीय घाटे को कम करने पर जोर दिए जाने से चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण मांग से खपत में सुधार होने की उम्मीद है। खरीफ की अच्छी पैदावार और त्योहारी मौसत से दूसरी छमाही में मांग बढ़ने की उम्मीद है। मगर शहरी इलाकों में खास तौर पर ऋण वृद्धि में नरमी बनी रह सकती है।’

नॉमिनल जीडीपी वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8 फीसदी और पहली छमाही में 8.9 फीसदी रही। ईवाई इंडिया में मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘अगर यह रुझान बना रहा तो सरकार की सकल कर राजस्व वृद्धि पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।’

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान जीडीपी में 6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जो पिछले वित्त वर्ष की समान अव​धि में 8.2 फीसदी थी।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि अच्छी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘त्योहरी खर्च और शादी विवाह के कारण खपत मांग में सुधार हो रहा है। सरकार भी अपना खर्च बढ़ाएगी। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि दर औसतन 6.6 से 6.8 फीसदी रह सकती है।’

सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर महज 2.2 फीसदी रही और बिजली क्षेत्र 3.3 फीसदी बढ़ा। श्रम आधारित निर्माण क्षेत्र में 7.7 फीसदी वृद्धि देखी गई जबकि पिछली तिमाही में यह क्षेत्र 10.5 फीसदी बढ़ा था।

सेवा क्षेत्र में भी थोड़ी नरमी आई। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 7.1 फीसदी रही जो पिछली तिमाही में 7.2 फीसदी बढ़ा था।

कृ​षि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा और यह 3.5 फीसदी बढ़ा। पिछली तिमाही में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 2 फीसदी थी। मगर खनन क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई।
निजी अंतिम खपत व्यय कम होकर

6 फीसदी रही और सरकार का खर्च भी घटकर 4.4 फीसदी रहा। सकल ​स्थिर पूंजी निर्माण की वृद्धि घटकर 5.4 फीसदी रही जो जून तिमाही में 7.5 फीसदी थी।

इंडिया रेटिंग्स रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा कि खपत और निवेश मांग अभी भी सरकार पर निर्भर है। सरकार राजकोषीय घाटा कम करने पर जोर दे रही है ऐसे में वृद्धि का परिदृश्य बहुत अच्छा नहीं दिखता।

वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात की वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर 2.8 फीसदी रही। सितंबर तिमाही में शुद्ध निर्यात पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 40.5 फीसदी कम रही।

First Published - November 29, 2024 | 10:12 PM IST

संबंधित पोस्ट