भारत के निजी क्षेत्र का आउटपुट मार्च में बीते माह की तुलना में धीमी गति से बढ़ा। एचएसबीसी के सोमवार को जारी फ्लैश पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सर्वे के अनुसार इस माह में विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार तेजी से हुआ जबकि सेवा क्षेत्र में सुस्ती रही।
सर्वे के मुताबिक, ‘मार्च में विनिर्माण क्षेत्र बेहतर रहा। तेजी से बिक्री और आउटपुट बढ़ने के कारण विनिर्माण क्षेत्र सेवा क्षेत्र के मुकाबले कहीं तेजी से बढ़ा। ‘ लेकिन फ्लैश पीएमआई में सुस्ती रही। इस सूचकांक का संकलन एसऐंडपी ग्लोबल ने किया। यह सूचकांक मार्च में गिरकर 58.6 हो गया जबकि इसकी फरवरी में अंतिम रीडिंग 58.8 थी। यह सूचकांक मासिक आधार पर भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में बदलाव का आकलन करता है। यह सूचकांक लगातार 44वें महीने तटस्थ स्तर 50 से ऊपर रहा। सूचकांक में 50 से ज्यादा का स्तर वृद्धि और इससे कम स्तर गिरावट को दर्शाता है।
सर्वे के अनुसार, ‘भारत के निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 25 को मजबूत आधार पर समाप्त किया। इस दौरान नए व्यवसाय और उत्पादन के विस्तार में अच्छी मजबूती रही। फरवरी से वृद्धि की दर कुछ सुस्त हुई और यह अपने दीर्घकालिक औसत से कहीं ऊपर रही।’ विनिर्माण क्षेत्र के फ्लैश पीएमआई में नए ऑर्डर, आउटपुट, रोजगार, आपूर्तिकर्ता के उत्पाद मुहैया कराने की अवधि और इन्वेंटरी स्तर समग्र रूप से मापे जाते हैं। इसके मुताबिक संचालन की स्थितियां बेहतर हुईं और यह काफी हद तक वित्त वर्ष 25 के औसत से अनुरूप हैं।
सर्वे के अनुसार, ‘निजी क्षेत्र की कंपनियों ने आउटपुट में बढ़त की वजह बताते हुए कहा कि मांग के सकारात्मक रुझान कायम थे।