Moody’s on India’s GDP forecast: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s Ratings ) ने 2025 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.5 फीसदी से घटाकर मंगलवार को 6.3 फीसदी कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यूएस ट्रेड पॉलिसी में अनिश्चितता और ट्रेड बैरियर्स के चलते वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव पड़ेगा।
मूडीज ने अपने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक’ 2025-26 (मई संस्करण) में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव जैसे जियो-पॉलिटिकल तनावों से भी उसके बेसलाइन ग्रोथ आउटलुक पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। मूडीज ने कहा कि निवेशकों व बिजनेस की लागत बढ़ने के आसार हैं क्योंकि वे इन्वेस्टमेंट, एक्सपेंशन और/या गुड्स के सोर्सेज का फैसला करते समय नए जियो-राजनीतिक हालातों को ध्यान में रखते हैं।
मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमानों को घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया, लेकिन 2026 के लिए इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा। यह 2024 की 6.7 फीसदी की वृद्धि से कम है। मूडीज को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ग्रोथ को बूस्ट देने के लिए पॉलिसी रेट्स को और कम करेगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, “इकनॉमिक ग्रोथ इस साल पहले से ही अपनी संभावित दर पर वापस आने के लिए धीमी होने वाली थी। हमने 2025 और 2026 के लिए अपने ग्लोबल ग्रोथ प्रोजेक्शन को और कम कर दिया है, जिसकी वजह पॉलिसी में बदलाव और पहले की तुलना में खासकर दो सबसे बड़ी इकॉनमी, अमेरिका और चीन में, ज्यादा पॉलिसी अनिश्चितता है।”
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मूडीज ने कहा कि पॉलिसी अनिश्चितता 2025 में ग्रोथ को और धीमा कर रही है, और इससे कंज्यूमर, बिज़नेस और फ़ाइनैंशियल एक्टिविटी पर असर पड़ने की संभावना है।
मूडीज ने अमेरिका के लिए GDP ग्रोथ प्रोजेक्शन को 2025 में 1 फीसदी और 2026 में 1.5 फीसदी तक कम कर दिया, जो पहले 2 फीसदी और 1.8 फीसदी था। इसकी तुलना में 2024 में 2.8 फीसदी की ग्रोथ हुई थी। चीन के लिए, मूडीज को 2025 में 3.8 फीसदी और 2026 में 3.9 फीसदी की ग्रोथ की उम्मीद है, जो 2024 में 5 फीसदी से कम है।
मूडीज ने कहा, “यह स्पष्ट है कि अमेरिकी ट्रेड स्ट्रैटेजी अभी भी डेवलप स्टेज में है। चीन को छोड़कर, जिसने ज्यादातर अमेरिकी इम्पोर्ट पर 125 फीसदी टैरिफ और अमेरिका को रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाए हैं, अधिकांश प्रमुख ट्रेडिंग पार्टनर्स ने अब तक जवाबी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है। हमारा मानना है कि कुल मिलाकर अभी अमेरिका के लिए पीक इफेक्टिव टैरिफ रेट पर हैं और आने वाले महीनों में इन्हें कम किया जाएगा।”
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हाल के दिनों में, दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान और दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ गया है। ये रूस और यूक्रेन में अनसुलझे युद्धों के साथ-साथ मध्य पूर्व में संघर्ष में शामिल हो गए हैं।
वहीं, बीते 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 टूरिस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी। भारत ने पहलगाम में हुए नरसंहार के पीछे तीन पाकिस्तानी नागरिकों सहित पांच आतंकवादियों की पहचान की है और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने चेतावनी दी है कि ये तनाव पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को और मुश्किल में डाल सकता है। मूडीज की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ बढ़ता तनाव पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हाल के दिनों में थोड़ी सुधरी थी, खासकर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) के प्रोग्राम की मदद से। लेकिन अगर ये तनाव लंबा चला, तो पाकिस्तान को विदेशी फंडिंग जुटाने में मुश्किल होगी।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि तनाव बढ़ने से पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ेगा, जो पहले ही जरूरत से काफी कम है। अगले कुछ सालों में पाकिस्तान को भारी-भरकम विदेशी कर्ज चुकाना है, और अगर फंडिंग रुक गई तो पाकिस्तान के हालात और बिगड़ सकते हैं। मूडीज ने ये भी कहा कि तनाव की वजह से पाकिस्तान सरकार का वित्तीय सुधारों पर ध्यान कम हो सकता है, जिससे आर्थिक सुधारों को झटका लगेगा।