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निर्यात संग व्यापार घाटा भी बढ़ा, 13 महीने के हाई पर पहुंचा; सोने-चांदी के आयात में उछाल

सितंबर में वस्तुओं का निर्यात 6.7 फीसदी बढ़कर 36.38 अरब डॉलर रहा। किंतु आयात भी 16.7 फीसदी वृद्धि के साथ 68.53 अरब डॉलर रहा जिससे व्यापार घाटा बढ़कर 32.15 अरब डॉलर हो गया

Last Updated- October 15, 2025 | 9:56 PM IST
India Export

सोने-चांदी का आयात बढ़ने से सितंबर में भारत का व्यापार घाटा 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका में निर्यात करीब 12 फीसदी घटने के बावजूद कुल निर्यात की गति बरकरार रही। वाणिज्य विभाग द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में वस्तुओं का निर्यात 6.7 फीसदी बढ़कर 36.38 अरब डॉलर रहा। किंतु आयात भी 16.7 फीसदी वृद्धि के साथ 68.53 अरब डॉलर रहा जिससे व्यापार घाटा बढ़कर 32.15 अरब डॉलर हो गया। पिछले साल सितंबर में व्यापार घाटा 24.65 अरब डॉलर था।

सेवाओं के निर्यात का आंकड़ा हैरान करने वाला रहा। सितंबर में सेवाओं का निर्यात 5.46 फीसदी घटकर 30.82 अरब डॉलर रह गया जबकि सेवाओं का आयात भी 7.55 फीसदी कम होकर 15.29 अरब डॉलर रह गया। इससे सेवा के मामले में भारत 15.53 अरब डॉलर के अधिशेष में रहा।

हालांकि वाणिज्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सितंबर के सेवा व्यापार के आंकड़े अनुमानित हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े आने के बाद इसे संशोधित किया जाएगा। सितंबर में सोने का आयात 107 फीसदी बढ़कर 9.6 अरब डॉलर पहुंच गया। चांदी का आयात 139 फीसदी बढ़कर 1.3 अरब डॉलर रहा। उर्वरक आयात 202 फीसदी बढ़कर 2.36 अरब डॉलर और इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का आयात 15 फीसदी बढ़कर 9.82 अरब डॉलर रहा।

चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में देश से वस्तुओं का निर्यात बढ़कर 220.12 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 213.68 अरब डॉलर था।

वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि सितंबर में सोने के आयात में वृद्धि के बावजूद मात्रा के लिहाज से अप्रैल से सितंबर के दौरान कुल आयात एक साल पहले की तुलना में 8.7 फीसदी कम रहा। वाणिज्य विभाग इस वृद्धि के कारणों का बारीकी से आकलन कर रहा है। माना जा रहा है कि सोने के आयात में यह उछाल त्योहारी सीजन के कारण हो सकती है।

अग्रवाल ने कहा, ‘वैश्विक बाजार में व्यवधान के बावजूद हमारे निर्यात की गति बनी रही। कई आपूर्ति श्रृंखलाएं विशिष्ट उत्पाद के लिए होती हैं जिससे खरीदारों के लिए रातोरात आपूर्ति श्रृंखलाओं को बदलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए आपूर्ति श्रृंखला बनी रहेगी लेकिन उद्योग पर इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि ये शुल्क कितने समय तक लागू रहते हैं।’

वाणिज्य सचिव ने कहा, ‘हमें गहन विश्लेषण और जिंसवार निर्यात आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत है। अमेरिका को होने वाला हमारा करीब 45 फीसदी निर्यात अभी भी 50 फीसदी शुल्क के दायरे से बाहर है। ऐसे में इन उत्पादों पर इसका असर अलग होगा।’

सितंबर में निर्यात 6.7 फीसदी बढ़ने के बावजूद अमेरिका को निर्यात अगस्त के 6.87 अरब डॉलर से घटकर 5.43 अरब डॉलर रह गया। इसकी मुख्य वजह थी 7 अगस्त से 25 फीसदी जवाबी शुल्क और 27 अगस्त से 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाना।

First Published - October 15, 2025 | 9:43 PM IST

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