भारत का लग्जरी बाजार पहले जैसा सीमित और शांत नहीं रहा है। अब यह पूरे देश में तेज गति से फैल रहा है और नए शहर भी इसमें शामिल हो रहे हैं। लोग बड़े घर, अच्छी लोकेशन और प्रीमियम सुविधाएं तेजी से अपनाने लगे हैं। मैजिकब्रिक्स की इंडिया लग्जरी हाउसिंग मार्केट रिपोर्ट 2025 बताती है कि बढ़ती संपन्नता, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुंदर डिजाइन वाले घरों की बढ़ती चाहत ने इस बाजार को मजबूती दी है।
रिपोर्ट के अनुसार दो से तीन करोड़ रुपये और तीन से पांच करोड़ रुपये की कीमत वाले घरों की मांग सबसे अधिक है। मुंबई और गुरुग्राम जैसे शहरों में 10 करोड़ रुपये से ऊपर वाली अत्यधिक महंगी प्रॉपर्टी की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है। डेवलपर्स की तरफ से एक से दो करोड़, दो से तीन करोड़ और तीन से पांच करोड़ की कैटेगरी में सबसे ज्यादा सप्लाई मिल रही है ताकि मिडिल और हाई इनकम वाले दोनों तरह के खरीदारों को विकल्प मिल सकें।
मैजिकब्रिक्स के CEO सुधीर पाई ने कहा कि भारत में कई नए इलाके तेजी से लग्जरी हब बन रहे हैं। इसकी वजह बेहतर सड़कें, मेट्रो कनेक्टिविटी, नए टाउनशिप और बढ़ती संपन्नता है। जो इलाके पहले शहर के बाहर समझे जाते थे, वे अब संपन्न घर खरीदारों की पसंद बन रहे हैं। आने वाले वर्षो में यही रुझान भारत के लग्जरी हाउसिंग बाजार को नई दिशा देगा।
भारत का लग्जरी बाजार जिसमें गहने, घड़ियां और गाड़ियां भी शामिल हैं सन 2024 के 17 अरब डॉलर से बढ़कर सन 2030 तक 103 अरब डॉलर पहुंच सकता है। यह बहुत तेज वृद्धि दर है और इसी कारण लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट भी तेज उछाल देख रहा है।
मैजिकब्रिक्स के लग्जरी प्राइस इंडेक्स के अनुसार बड़े शहरों में लग्जरी और सामान्य घरों की कीमतों के बीच का अंतर थोड़ा कम हुआ है। इसका मतलब है कि सामान्य घरों की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं। दूसरी तरफ उभरते शहरों में लग्जरी का आकर्षण बहुत बढ़ गया है क्योंकि वहां मांग और सप्लाई दोनों ही तेज गति से बढ़ी हैं। सरल भाषा में कहें तो नए शहर लग्जरी सुविधाओं को बेहद तेज रफ्तार से अपना रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार लग्जरी घरों की औसत कीमत मुंबई में 9.68 करोड़ रुपये, गुरुग्राम में 5.46 करोड़ रुपये, बेंगलुरु में 2.91 करोड़ रुपये, हैदराबाद में 2.20 करोड़ रुपये, चेन्नई में दो करोड़ रुपये, पुणे में 1.97 करोड़ रुपये और कोलकाता में 1.50 करोड़ रुपये है। इससे साफ है कि लग्जरी बाजार अब सिर्फ कुछ शहरों में सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे देश में इसकी पकड़ मजबूत हो रही है।
देश के कई इलाकों ने पिछले कुछ सालों में खुद को पूरी तरह बदल लिया है। इनमें नोएडा एक्सप्रेसवे, देवनहल्ली बेंगलुरु, बालीगंज कोलकाता और पोरवोरिम गोवा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों में मेट्रो परियोजनाओं, नई सड़कों, एयरपोर्ट और योजनाबद्ध टाउनशिप के कारण लग्जरी घरों की मांग कई गुना बढ़ी है।
डेवलपर्स भी अब लग्जरी सेगमेंट पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। कुल सप्लाई में लग्जरी घरों का हिस्सा पहले की तुलना में काफी अधिक हो गया है। मांग भी अब पहले की तुलना में बेहतर है। डेवलपर्स अब सिर्फ घर नहीं बना रहे बल्कि बड़े आकार के घर, आधुनिक सुविधाएं, बेहतर सुरक्षा और शानदार कम्युनिटी स्पेस के साथ पूरे जीवनशैली वाले प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं।
सबसे अधिक मांग दो से तीन करोड़ और तीन से पांच करोड़ रुपये वाले घरों की है। 10 करोड़ रुपये से अधिक वाली अत्यधिक लग्जरी प्रॉपर्टी भी मुंबई और गुरुग्राम में तेजी से खरीदी जा रही है। डेवलपर्स भी उन्हीं श्रेणियों में सप्लाई बढ़ा रहे हैं जिन्हें आज का संपन्न खरीदार आसानी से खरीद सके। आज के खरीदार महंगे घर जरूर चाहते हैं लेकिन वे अपने बजट के हिसाब से ही लग्जरी चुनते हैं।
लग्जरी और प्रीमियम घरों की हिस्सेदारी बेंगलुरु में सबसे ज्यादा है जहां लगभग आधे घर इस श्रेणी में आते हैं। इसके बाद गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता का स्थान है। मुंबई का अनुपात कम दिखाई देता है क्योंकि मुंबई में सामान्य घरों की कीमतें भी कई शहरों के मुकाबले पहले से ही बहुत अधिक हैं। इसलिए वहां मुख्य धारा के घर भी कई शहरों में लग्जरी जैसी कीमत रखते हैं।
भारतीय लग्जरी हाउसिंग बाजार अब तेजी से फैल रहा है। अधिक शहर, अधिक इलाके, अधिक खरीदार और अधिक विकल्प उपलब्ध हैं। लोग अब बड़े और आरामदायक घर चाहते हैं जिनमें अच्छी योजना, बेहतर डिजाइन, बेहतर कनेक्टिविटी, स्मार्ट होम तकनीक, हरियाली, स्वास्थ्य सुविधाएं और जीवंत कम्युनिटी स्पेस हो। भारत में लग्जरी अब सिर्फ दिखावे की चीज नहीं रही बल्कि रहने की गुणवत्ता से जुड़ा वास्तविक अनुभव बन चुकी है।