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अप्रैल-सितंबर में 10 प्रतिशत कम आईं नई नौकरियां

ईपीएफओ की ओर से जारी ताजा पेरोल आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 24 की अप्रैल सितंबर तिमाही में 58.6 लाख नए सबस्क्राइबर जुड़े हैं।

Last Updated- November 22, 2023 | 10:50 PM IST
IT companies' valuation hits 5-year low amid selloff by investors

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही (अप्रैल सितंबर) के दौरान सबस्क्राइबरों की संख्या में 10.1 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे औपचारिक नौकरियों के सृजन में सुस्ती का पता चलता है।

ईपीएफओ की ओर से जारी ताजा पेरोल आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 24 की अप्रैल सितंबर तिमाही में 58.6 लाख नए सबस्क्राइबर जुड़े हैं, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 65.2 लाख सबस्क्राइबर जुड़े थे।

यह नौकरियों के बाजार में ऐसे समय में उल्लेखनीय बदलाव है, जब स्वरोजगार करने वाले लोगों की संख्या पिछले कुछ साल से लगातार बढ़ रही है।

प्रमुख श्रम अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अनौपचारिक प्रकृति की नौकरियों की संख्या बढ़ रही है। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि औपचारिक रूप से नौकरियां करने वाले लोगों को ही सामाजिक सुरक्षा संबंधी लाभ होता है और उन्हें श्रम कानूनों के माध्यम से संरक्षण मिलता है।

इसके अलावा 18 से 28 साल उम्र के युवा सबस्क्राइबरों की संख्या भी इस साल 9.54 प्रतिशत घटकर 39.3 लाख रह गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 43.4 लाख थी। यह महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस आयु वर्ग के सबस्क्राइबर सामान्यतया पहली बार श्रम बाजार में आते हैं और इससे अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत मिलते हैं।

टीमलीज सर्विसेज की सह संस्थापक रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि औपचारिक नौकरियां दने वाले टेक्नोलॉजी और ज्ञान के क्षेत्र में कार्यबल में कटौती की गई है, क्योंकि ये क्षेत्र राजस्व में गिरावट और स्थिर मांग से जूझ रहे हैं। इसके कारण इनकी भर्तियां इस साल प्रभावित हुई हैं।

उन्होंने कहा कि तमाम मामलों में कैंडीडेट को प्लेसमेंट का ऑफर मिला, लेकिन वे अभी आधिकारिक रूप से फर्म में ज्वाइन करने का इंतजार कर रहे हैं।

साथ ही महिला सबस्क्राइबरों की संख्या में भी 11.1 प्रतिशत गिरावट आई है। इनकी संख्या पिछले साल की समान अवधि के 17.3 लाख की तुलना में इस साल घटकर 15.3 लाख रह गई है। इससे महिलाओं को औपचारिक नौकरियां मिलने में आ रही कठिनाइयों का पता चलता है।

यूनिवर्सिटी आफ बाथ में विजिटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा ने हा कि श्रम बाजार में रिकवरी अभी होनी है, क्योंकि औपचारिक नौकरियों का सृजन अभी सुस्त है और श्रम बल के मुताबिक इसमें वृद्धि नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से खासकर युवा और युवतियां स्वरोजगार कर रहे हैं या कृषि क्षेत्र से जुड़ रहे हैं।

First Published - November 22, 2023 | 10:38 PM IST

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