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केंद्रीय बजट 2026-27 पर निर्मला सीतारमण ने अर्थशास्त्रियों से की अहम बैठक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अर्थशास्त्रियों और कृषि विशेषज्ञों से बजट 2026 की तैयारियों पर विचार मांगे गए और कृषि अनुसंधान व आर्थिक वृद्धि पर सुझाव प्रस्तुत किए गए

Last Updated- November 10, 2025 | 10:02 PM IST
Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण | फाइल फोटो

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2026-27 की तैयारियों को लेकर सोमवार को प्रमुख अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की और आगामी बजट पर उनके विचार जाने। बैठक में साजिद चिनॉय, नीलकंठ मिश्रा, धर्मकीर्ति जोशी, रिधम देसाई, सोनल वर्मा और इंदिरा राजारमन मौजूद थे।

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (सोमवार) नयी दिल्ली में आगामी आम बजट 2026-27 के संबंध में प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ परामर्श बैठक की अध्यक्षता की।’

इसमें कहा गया, ‘बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा डीईए के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।’

सीतारमण के एक फरवरी को बजट पेश कर सकती हैं। वह वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं और भारत से निर्यात होने वाले सामान पर अमेरिका के 50 प्रतिशत के भारी शुल्क के बीच बजट पेश करेंगी। अगले वित्त वर्ष के बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को आठ प्रतिशत से अधिक की निरंतर वृद्धि दर पर लाने के मुद्दों पर ध्यान देना होगा। सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच बढ़ेगी।

कृषि क्षेत्र में आरऐंडडी के लिए अधिक धनराशि पर जोर

कृषि विशेषज्ञों ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियों के बीच अनुसंधान कार्यों के लिए अधिक धनराशि के साथ कृषि क्षेत्र के लिए मजबूत नीतिगत समर्थन की मांग की। परामर्श के दौरान उद्योग और अनुसंधान संगठनों के एक दर्जन से अधिक कृषि विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र की वृद्धि को मौजूदा स्तर से और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में कृषि सचिव देवेश चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एमएल जाट, कृषि अर्थशास्त्री और उद्योग जगत के अंशधारकों ने भाग लिया। सूत्रों के अनुसार, ‘बैठक सकारात्मक रही’, जिसमें प्रतिभागियों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्र के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डाला और सरकार से प्राथमिकता के आधार पर उनका समाधान करने की मांग की।

भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने कहा कि पिछले दो दशकों में कृषि में अनुसंधान और विकास के लिए धन आवंटन वास्तविक रूप से कम हुआ है, और उन्होंने इस धनराशि को दोगुना करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने फसल बीमा की नई अवधारणा तैयार करने की भी मांग की, क्योंकि अधिकांश किसान और राज्य इसके परिणामों से असंतुष्ट हैं।

First Published - November 10, 2025 | 9:58 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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