India space sector: 17 अप्रैल को गुजरात सरकार ने 2025 से 2030 तक के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र (Space sector) को बढ़ावा देने की रणनीति घोषित की। उसी दिन कुछ घंटों बाद तमिलनाडु सरकार ने भी अपनी स्पेस इंडस्ट्रियल पॉलिसी जारी कर दी। यह दिखाता है कि राज्य सरकारों के बीच इस सेक्टर में बढ़त लेने की होड़ तेज हो गई है।
FICCI और EY की मार्च 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र (Space sector) 2024 में लगभग 8.4 अरब डॉलर से बढ़कर 2033 तक 44 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। फिलहाल भारत की हिस्सेदारी वैश्विक अंतरिक्ष बाज़ार में 2% है, जो बढ़कर 8% हो सकती है।
स्पेस सेक्टर को 2020 में प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला गया था। फिर 2023 में नेशनल स्पेस पॉलिसी और 2024 में एफडीआई फ्रेंडली पॉलिसी आने से निवेश का रास्ता और आसान हो गया। इस सेक्टर में अब 250 से ज्यादा स्टार्टअप सक्रिय हैं जो लॉन्च, सैटेलाइट सर्विस और ऐप्लिकेशन जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
IN-SPACe के चेयरमैन पवन गोयनका के अनुसार, इस लक्ष्य को पाने के लिए कुल 22 अरब डॉलर के निवेश की ज़रूरत होगी। इसमें से कम से कम 2.5 अरब डॉलर विदेशी निवेशकों से आने की उम्मीद है। टाटा ग्रुप, एलएंडटी और भारती जैसी घरेलू कंपनियां भी इस क्षेत्र में भारी निवेश कर सकती हैं।
यह भी पढ़ें…JP Morgan ने बदला गेम! कहा- अब भारत में सबसे ज्यादा कमाई का मौका
राज्य सरकारें इस सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने के लिए सब्सिडी, ज़मीन, टैक्स रिफंड, तकनीक ट्रांसफर और ग्रांट जैसी योजनाएं ला रही हैं। इंडियन स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख ए के भट्ट के मुताबिक, अब यह स्थिति चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसी लग रही है जहां राज्य निवेश के लिए मुकाबला करते हैं।
तेलंगाना सबसे पहले 2022 में स्पेस पॉलिसी लाया, इसके बाद 2023 में केरल और अब 2025 में गुजरात व तमिलनाडु। तेलंगाना का T-Hub इनक्यूबेटर और इमेज टावर अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के लिए हब बन गए हैं। महाराष्ट्र भी अपनी स्पेस पॉलिसी पर काम कर रहा है।
उत्तराखंड की ‘कॉउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ और यूपी का डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी अंतरिक्ष और तकनीकी इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। असम ने IN-SPACe और ISRO के साथ 120 करोड़ रुपये की ‘ASSAMSAT’ सैटेलाइट परियोजना शुरू की है।
यह भी पढ़ें…India Q4 GDP : 7.6% तक पहुंच सकती है भारत की GDP ग्रोथ, रूरल डिमांड और निर्माण क्षेत्र ने बढ़ाया भरोसा
भारत के स्पेस स्टार्टअप जैसे Dhruva Space, Bellatrix Aerospace, Skyroot Aerospace, Pixxel, Agnikul Cosmos और MapmyIndia, नए प्रोडक्ट्स और लॉन्च टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
FICCI-EY रिपोर्ट के अनुसार, कुल 44 अरब डॉलर में से सबसे बड़ा हिस्सा ($14.8 अरब) सैटेलाइट कम्युनिकेशन से आएगा। अर्थ ऑब्जर्वेशन और रिमोट सेंसिंग से $8 अरब और नेविगेशन सेक्टर से $9.3 अरब की उम्मीद है, जो लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों को मजबूत करेगा। ISpA के अनुसार, राज्यों की नीतियां केंद्र सरकार की नीति को और मज़बूती देती हैं। इससे कंपटीश बढ़ेगा और 2033 तक 44 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करना आसान होगा।