16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पानगड़िया ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले वर्षों में भी अगर इसी तरह की वृदि्ध दर बनी रही तो भारत 2026-27 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। हालांकि अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष2027-28 में यह उपलब्धि हासिल करने की उम्मीद अधिक है।
पानगड़िया ने कहा, ‘हम वास्तविक रूप से डॉलर के संदर्भ में बीते 20 वर्षों के दौरान करीब 8 फीसदी की दर से बढ़े हैं। हमने इस बीच वैश्विक आर्थिक संकट और कोविड महामारी का सामना किया। हम वास्तव में जो आजकल जो कुछ देख रहे हैं, उसे बीते दो दशकों में हासिल किया गया है।’
पानगड़िया ने सीआईआई के सालाना कारोबार सम्मेलन में कहा कि भारत ने अत्यधिक गरीबी की स्थिति को लगभग खत्म कर दिया है। लेकिन भारत के कृषि श्रमबल को अब औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की तरफ मोड़ने की जरूरत है। पानगड़िया ने जोर देकर कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए श्रम कानूनों में सुधार और बाजार को श्रम साध्य उद्योगों में पूंजी लगाने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि भारत की 45 फीसदी आबादी अब भी कृषि कार्य से जुड़ी हुई है जिसका जीडीपी में योगदान केवल 15 फीसदी है। पानगड़िया ने कहा, ‘कृषि में औसत श्रम उत्पादकता अर्थव्यवस्था की औसत उत्पादकता की एक तिहाई है।’
पानगड़िया के अनुसार, ‘अभी भी भारत का श्रम बल इस क्षेत्र में है और यह अपेक्षाकृत रूप से काफी कम उत्पादक है। मैं इसे बेरोजगारी की समस्या कहता हूं। आपको इस श्रम बल को बड़े उद्यम में बदलने के लिए सुविधाएं, मार्ग बनाना होगा।’ उन्होंने कहा कि भारत में आधी से ज्यादा खेती की जमीन आधा एकड़ से भी कम है।