PPF vs RD: जब भी सुरक्षित निवेश की बात आती है, तो लोग सबसे पहले बैंक की रेकरिंग डिपॉजिटि (RD) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) को देखते हैं। दोनों योजनाएं सुरक्षित रिटर्न और गारंटीड ब्याज दर देती हैं, लेकिन निवेश का तरीका, लॉक-इन पीरियड, टैक्स छूट और ब्याज दर में बड़ा फर्क है। एक ओर RD छोटी अवधि के निवेशकों के लिए फ्लैक्सिबिलिटी देती है, वहीं PPF लंबी अवधि में टैक्स बचत और बेहतर ब्याज लाभ देता है। ऐसे में निवेशक के लिए यह समझना जरूरी है कि उनकी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य के मुताबिक कौन-सा विकल्प बेहतर है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं कि अगर आप 1 लाख रुपये निवेश करें, तो 10-15 साल में कौन ज्यादा रिटर्न देगा और आपका पैसा पहले कितना बढ़ेगा।
PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी बचत योजना है। इसे भारत सरकार ने 1968 में शुरू किया था। यह निवेश के लिए बहुत सुरक्षित और लंबी अवधि का विकल्प है।
PPF की खास बातें:
PPF के फायदे:
आरडी बैंकों और डाकघरों की योजना है। इसमें हर महीने तय राशि जमा करनी होती है। ब्याज दर 2.50% से 8% तक होती है, लेकिन ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है।
RD में जमा राशि पर तय ब्याज मिलता है, जो तिमाही (Quarterly) आधार पर कंपाउंड होता है और मैच्योरिटी पर मूलधन के साथ ब्याज भी मिलता है।
RD क्यों जरूरी है
RD कैलकुलेटर के फायदे
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अगर आप सालाना 1 लाख रुपये निवेश करते हैं, तो RD और PPF में आपके पैसे का अनुमानित बढ़ोतरी इस तरह होगी:
RD (रिकरिंग डिपॉजिट) कैलकुलेशन:
सालाना निवेश: ₹1,00,000
ब्याज दर: 6.7%
अवधि: 10 साल
कुल निवेश: ₹10,00,000
ब्याज: लगभग ₹50,85,458
मैच्योरिटी राशि: लगभग ₹1,70,85,458
PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) कैलकुलेशन:
सालाना निवेश: ₹1,00,000
ब्याज दर: 7.1%
अवधि: 15 साल
कुल निवेश: ₹15,00,000
ब्याज: लगभग ₹12,12,139
मैच्योरिटी राशि: लगभग ₹27,12,139
PPF लंबी अवधि के लिए बेहतर रिटर्न और टैक्स बचत देता है।
RD में नियमित जमा राशि की आदत बनती है और फिक्स्ड रिटर्न मिलता है।
अगर आप लंबी अवधि में ज्यादा पैसा बनाना चाहते हैं, तो PPF सही विकल्प है।
(डिस्क्लेमर: उपरोक्त गणनाएं अनुमानित हैं और वास्तविक रिटर्न ब्याज दरों, टैक्स नियमों और बैंक/सरकारी नीतियों के अनुसार बदल सकते हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।)