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Interview: FY24 में सरकार ने दिए 6,800 करोड़ रुपये, DPIIT के सचिव ने कहा- PLI योजना चल रही उम्मीद के मुताबिक

'FDI आने को लेकर अनुमान लगाना कठिन है। इसे 3 या 5 साल के औसत के हिसाब से देखना उचित होगा। वित्त वर्ष 24 में गिरावट (एफडीआई में) का अनुमान है।'

Last Updated- April 10, 2024 | 9:41 PM IST
Interview: Government gave Rs 6,800 crore in FY24, DPIIT Secretary said- PLI scheme is going as per expectation Interview: FY24 में सरकार ने दिए 6,800 करोड़ रुपये, DPIIT के सचिव ने कहा- PLI योजना चल रही उम्मीद के मुताबिक

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) के पात्र लाभार्थियों को 6,800 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि जारी की गई है, जबकि सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था। हालांकि उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह इससे चिंतित नहीं हैं, क्योंकि इस योजना के तहत निवेश और उत्पादन पटरी पर रहा है। उन्होंने श्रेया नंदी से बातचीत में कहा कि योजना में भी बदलाव किया जा सकता है। मुख्य अंश…

जहां तक पीएलआई योजना का सवाल है, वित्त वर्ष 2023-24 में कितना धन जारी किया गया है? क्या आप उम्मीद से कम जारी धन और निवेश को लेकर चिंतित हैं?

अब तक जारी की गई कुल प्रोत्साहन राशि 9,700 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2024 में लाभार्थियों को 6,800 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। जारी की गई राशि को लेकर हम बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हैं। योजना का मुख्य मकसद निवेश और बिक्री में वृद्धि सुनिश्चित करना है और यह पहले ही हो रहा है।

फरवरी के अंत तक की रिपोर्ट के मुताबिक (कुल मिलाकर) निवेश करीब 1.13 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। उत्पादन/बिक्री भी करीब 9.5 लाख करोड़ रुपये है, रोजगार 8 लाख है और निर्यात 3.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। ये बड़ी उपलब्धियां हैं।

डिजाइन के मुताबिक इस योजना में निवेश और बिक्री पर सबसे पहले ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके बाद प्रोत्साहन मिलना है। लेकिन इसके बावजूद हम परियोजना प्रबंधन एजेंसियों (पीएमए) के प्रदर्शन को सरल बनाने और सुधारने पर काम कर रहे हैं, ताकि जब भी दावे आएं तो उसका निपटान किया जा सके।

क्या दावों के भुगतान समय से देने की कोई ठोस योजना है?

हमने पीएमए के एसओपी की समीक्षा शुरू कर दी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रक्रिया सरल हो। साथ ही भुगतान को लंबित रखने की जगह उसे जारी किया जा सके। कंपनियों को भी सहयोग करना होगा। कभी-कभी कंपनियां अपने ऑडिट स्टेटमेंट मुहैया नहीं करातीं। कभी-कभी वे मांगी गई जानकारी का कोई जवाब नहीं देती हैं। फेम योजना के मामले में गलत दावों के मामले सामने आए। ऐसे में पीएमए और सरकार सावधानी बरत रही हैं।

हम सभी सरकारी विभागों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे प्रोत्साहन राशि को तिमाही (सालाना भुगतान की जगह) जारी करने के लिए आगे आएं।

क्या हम सुधार की उम्मीद कर सकते हैं?

टेक्सटाइल्स, बल्क दवाओं, खाद्य उत्पादों और सोलर पीवी मॉड्यूल्स जैसे सेक्टर के लिए योजना में बदलाव किया जा रहा है, जिससे कुछ और उत्पाद इससे जुड़ सकें और उसके बाद योजना की अवधि में बढ़ोतरी हो सके। यह नीतिगत फैसला है, जो भारत सरकार के पास लंबित है। ड्रोन को आवंटन बढ़ सकता है, क्योंकि इनके लिए उठान बेहतर रही है।

अंतरिम बजट में फुटवियर और खिलौनों के लिए नई पीएलआई योजना का उल्लेख किया गया था। इसे कब लागू किए जाने की संभावना है?

हमने अभी इसके लिए कोई समय सीमा नहीं तय की है। हम तत्काल कुछ भी योजना नहीं बना रहे हैं। मौजूदा 14 योजनाओं के स्थिर होने और इसके परिणाम आने के पहले नई पीएलआई योजना लाने पर हम ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कम हुआ है। इस स्थिति में बदलाव होने में कितना वक्त लग सकता है?

एफडीआई आने को लेकर अनुमान लगाना कठिन है। इसे 3 या 5 साल के औसत के हिसाब से देखना उचित होगा। वित्त वर्ष 24 में गिरावट (एफडीआई में) का अनुमान है। आगे चलकर (वित्त वर्ष 2025 और उसके बाद) हम लक्ष्य रख रहे हैं कि कुल एफडीआई की आवक अगले 5 साल तक कम से कम 100 अरब डॉलर सालाना बनी रहे।

व्यापक आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता, बुनियादी ढांचे में निवेश, कारोबार सुगमता की कवायद, एफडीआई के क्षेत्र में उदारीकरण जैसी वजहों से कुल मिलाकर भारत निवेश का बेहतर केंद्र बन रहा है।

ई-कॉमर्स नीति 2018-19 से ही लंबित चल रही है…

यह उच्चतम स्तर पर लंबित है, ऐसे में हमें इंतजार करने की जरूरत है। चुनाव के बाद इस पर फैसला किया जा सकता है।

किराना दुकानों को डिजिटल बनने में ओएनडीसी सहयोग कर रहा है। आपको लगता है कि ई-कॉमर्स नीति की जरूरत है?ओएनडीसी के लिए क्या खाका होगा?

हमें लगता है कि यह (ई-कॉमर्स नीति) हर किसी के लिए स्पष्टता लाएगी, क्योंकि यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से जुड़ी है। ऐसे में इससे सभी हिस्सेदारों के लिए स्पष्टता आएगी। यही वजह है कि हम इस पर जोर दे रहे हैं। ई-कॉमर्स को लेकर समय समय पर कई प्रेस नोट (एफडीआई पर), नियम जारी किए गए हैं। इसे एक साथ लाने और नियमों में स्पष्टता लाए जाने की योजना है।

ONDC ने बहुत बेहतर काम किया है। इसे आए अभी कुछ साल ही हुए हैं। यह कैसे गति पकड़ेगा और किस हद तक आगे बढ़ेगा, इसके लिए हमें इंतजार करना होगा। हमारा लक्ष्य इसे रिटेल और मोबिलिटी के क्षेत्र में बड़ा खिलाड़ी बनाना है।

भारत में स्टार्टअप के माहौल में बड़े पैमाने पर वृद्धि देखी गई है। क्या हम इस स्तर पर सरकार से किसी और कदम या समर्थन की उम्मीद कर सकते हैं?

हम इस क्षेत्र को तीन-चार तरीके का समर्थन दे रहे हैं। पहचान प्रमाण पत्र देकर उन्हें चिह्नित करना और तीन अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से धन संबंधी सहयोग देना इसमें शामिल है। हमने राज्यवार रैंकिंग और हैकाथन कराए हैं। ये सभी पहल जारी रहेंगे।

हम डीप टेक स्टार्टअप पॉलिसी पर भी विचार कर रहे हैं, जहां ज्यादा सहयोग की जरूरत होगी।

First Published - April 10, 2024 | 9:41 PM IST

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