facebookmetapixel
अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदी

भारतीय कंपनियों की ऋण की क्वालिटी में सुधार, रेटिंग एजेंसियां पॉजिटिव

रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल, इक्रा और इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में रेटिंग में बढ़ोतरी की संख्या रेटिंग में कमी से अधिक रही है।

Last Updated- April 01, 2024 | 11:02 PM IST
credit quality

भारत की कंपनियों को अनुकूल व्यापक आर्थिक स्थितियों से लाभ मिला है। सरकार के नेतृत्व में पूंजीगत व्यय, घरेलू मांग बने रहने और बैलेंस शीट में कर्ज कम होने के कारण भारतीय कंपनियों की ऋण की गुणवत्ता अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 (वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही) के बीच बेहतर बनी रही।

रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल, इक्रा और इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में रेटिंग में बढ़ोतरी की संख्या रेटिंग में कमी से अधिक रही है।

क्रिसिल ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में 409 अपग्रेड और 228 डाउनग्रेड हुए थे। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही के दौरान रेटिंग अपग्रेड और डाउनग्रेड का अनुपात यानी क्रेडिट रेशियो घटकर 1.79 गुना हो गया, जो अप्रैल सितंबर 2023 ( वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही) में 1.91 गुना था।

सभी 3 रेटिंग एजेंसियां अप्रैल 2024 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में कंपनियों के ऋण की गुणवत्ता को लेकर सकारात्मक थीं। ऋण की गुणवत्ता का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है और अपग्रेड की संख्या डाउनग्रेड की तुलना में अधिक है। इसे घरेलू मांग, कंपनियों के कम कर्ज और बुनियादी ढांचे पर चल रहे काम से बल मिला है।

ऋण की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली वजहों का उल्लेख करते हुए इक्रा में चीफ रेटिंग ऑफिसर के रविचंद्रन ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में ज्यादातर रेटिंग अपग्रेड कंपनी केंद्रित वजहों जैसे बाजार हिस्सेदारी बढ़ने या ऑर्डर बुक, लागत के ढांचे में सुधार, परियोजना का जोखिम घटने की वजह से हुआ है।

उड्डयन, आतिथ्य, वाहन व वाहनों के कल पुर्जे और बैंक ही कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां वित्त वर्ष 2024 के दौरान रेटिंग अपग्रेड प्रतिकूल परिस्थितियों के असर में थे।

क्रिसिल रेटिंग्स के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरप्रीत छतवाल ने कहा कि ज्यादातर क्षेत्रों की बैलेंस शीट बेहतर रही, क्षमता का इस्तेमाल उच्च स्तर पर रहा और ब्याज दर में कटौती की संभावना है, ऐसे में आखिरकार निजी पूंजीगत व्यय व्यापक आधार पर बेहतर होगी।

इंडिया रेटिंग्स में सीनियर डायरेक्टर अरविंद राव ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान जिंसों की कम कीमत से सहयोग मिला है और ऋण की बढ़ी लागत और उच्च महंगाई दर की चिंता के बावजूद रेटिंग वाली इकाइयों की नकदी की स्थिति बेहतर रही है। भू-राजनीतिक मसले, चल रही जंग या कमजोर वैश्विक आर्थिक स्थितियों का असर ऋण प्रोफाइल पर अब तक सीमित रहा है।

First Published - April 1, 2024 | 11:01 PM IST

संबंधित पोस्ट