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42 प्रतिशत बढ़ा लैपटॉप, टैबलेट का आयात; सिंगापुर से इम्पोर्ट में हुआ जबरदस्त इजाफा

इस तरह के आयात के सबसे बड़े स्रोत चीन से आयात में 33 प्रतिशत, जबकि सिंगापुर से आयात में 188 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

Last Updated- November 20, 2023 | 9:14 AM IST
Like steel, laptop-PC imports will be closely monitored!

भारत का पर्सनल कंप्यूटर(लैपटॉप और टैबलेट) का आयात सितंबर महीने में 42 प्रतिशत बढ़कर 71.5 करोड़ डॉलर हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में आई गिरावट के विपरीत स्थिति है। सरकार द्वारा अगस्त महीने में इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद आयात में यह तेजी आई है।

वाणिज्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस तरह के आयात के सबसे बड़े स्रोत चीन से आयात में 33 प्रतिशत, जबकि सिंगापुर से आयात में 188 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

केंद्र सरकार ने 3 अगस्त को घोषणा की थी कि वह सूचना तकनीक हार्डवेयर सेग्मेंट के 7 उत्पादों पर्सनल कंप्यूटरों, माइक्रो कंप्यूटरों, मेन फ्रेम कंप्यूटरों, सुपर कंप्यूटरों, कंप्यूटर सिस्टम और डेटा प्रॉसेसिंग यूनिट को ‘प्रतिबंधित’ की श्रेणी में लाने की योजना बना रही है।
हालांकि केंद्र ने इसे लागू करने की योजना को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था, क्योंकि उद्योग ने इस प्रतिबंध को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। इसका मुख्य मकसद चीन से आयात पर निर्भरता घटाना और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना था।

सरकार ने एक कदम और पीछे खींचते हुए पिछले महीने घोषणा की थी कि वह किसी इलाके विशेष से इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात को प्रतिबंधित नहीं करेगी, बल्कि एक नया संपर्करहित आयात मंजूरी व्यवस्था (कॉन्टैक्टलेस इंपोर्ट अथरॉइजेशन सिस्टम) पेश करेगी।

पिछले साल सितंबर से ही पर्सनल कंप्यूटर के आयात में गिरावट आ रही थी। अगस्त में इस तरह का आयात 26 प्रतिशत घटकर 53.5 करोड़ डॉलर हो गया था।

हालांकि कुल मिलाकर सितंबर में 7 सामानों का आयात 34.2 प्रतिशत गिरकर 1 अरब डॉलर रह गया है। वित्त वर्ष 2023 के अप्रैल-अगस्त के दौरान इन वस्तुओं का आयात 20.5 प्रतिशत घटकर 3.6 अरब डॉलर रह गया है।

वित्त वर्ष 23 में भारत ने इस 7 वस्तुओं का 8.8 अरब डॉलर का आयात लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत किया था, जिसमें से 5.1 अरब डॉलर (58 प्रतिशत) के उत्पादों का आयात चीन से हुआ। पर्सनल कंप्यूटर के अलावा सितंबर में डेटा प्रॉसेसिंग यूनिट का आयात 33.5 प्रतिशत बढ़कर 23.45 करोड़ डॉलर का हो गया है और चीन व अमेरिका से आयात क्रमशः 25 प्रतिशत और 129 प्रतिशत बढ़ा है।

आयात लाइसेंसिंग को लेकर अमेरिका ने पिछले महीने विश्व व्यापार संगठन में भारत से ब्योरा मांगा था। अमेरिका ने भारत से कहा था कि वह एकत्र किए गए आंकड़ों के बारे में बताए कि उसका किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा। उसने जानना चाहा था, ‘क्या सूचना लाइसेंस देने की प्रक्रिया को प्रभावित करेगी? क्या भारत आपूर्ति की गई जानकारी के आधार पर मात्रात्मक प्रतिबंधों के उपयोग पर विचार कर रहा है?’

सरकार ने पिछले महीने साफ किया था कि आयात प्रमाणन सितंबर 2024 तक वैध बना रहेगा। प्रमाणन की अवधि पूरी होने के बाद सरकार आंकड़ों का अध्ययन करेगी, हिस्सेदारों से संपर्क करेगी और तय करेगी कि आगे किस तरह के कदम उठाए जाएं, जिससे उद्योग में निश्चितता सुनिश्चित होगी।

आयात प्रबंधन व्यवस्था के साथ सरकार विभिन्न स्रोतों से खास उत्पादों के स्पष्ट आंकड़े एकत्र करेगी और हिस्सेदारों के साथ परामर्श कर इसकी निगरानी करेगी। इसमें कहा गया है कि इससे हार्डवेयर उत्पादों की साइबर सुरक्षा के जोखिमों को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित हो सकेगी।

नए आयात लाइसेंसिंग मानदंड ऐसे समय में आए हैं, जब भारत अपने को प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता के रूप में स्थापित करना चाहता है। भारत ने ऐसी वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन- से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पहले ही शुरू कर दी है।

First Published - November 20, 2023 | 9:14 AM IST

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