देश से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात फरवरी में 11.9 फीसदी बढ़कर 41.4 अरब डॉलर रहा, जो 20 महीने में सबसे तेज वृद्धि है। मगर वाणिज्य विभाग द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में आयात भी 12.2 फीसदी बढ़कर 17 महीने के उच्च स्तर 60.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे व्यापार घाटा बढ़कर 18.7 अरब डॉलर हो गया।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा, ‘मूल्य के लिहाज से 11 महीने में यह निर्यात का सबसे अधिक आंकड़ा है। हमने सभी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया। मार्च में निर्यात का आंकड़ा बहुत अच्छा रहना चाहिए। इससे निर्यात क्षेत्र की मजबूती पता चलती है। वित्त वर्ष 2024-25 भी निर्यात के मामले में अच्छा साल रहेगा।’
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान कुल मिलाकर 395 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.45 फीसदी कम रहा। इस दौरान आयात का मूल्य भी 620.2 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 5.3 फीसदी कम है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान व्यापार घाटा 225.2 अरब डॉलर रहा।
निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने लाल सागर संकट की चुनौती से निपटने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए समुद्री बीमा उपलब्ध होना चाहिए और निर्यातकों से लिए जाने वाले मालभाड़े में भी उचित बढ़ोतरी ही होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘पश्चिम एशिया में हालिया तनाव खास तौर पर लाल सागर के रास्ते जाने वाले माल पर खतरे ने निर्यातकों की परेशानी और भी बढ़ा दी है। इसकी वजह से मालभाड़ा इतना बढ़ गया है, जितना कभी सोचा ही नहीं था और तमाम दूसरे अधिभार भी लग गए हैं। अब नए वित्त वर्ष में खरीदारों के साथ होने वाले नए करारों का ही इंतजार है क्योंकि पुराने करारों के हिसाब से तो बढ़े हुए मालभाड़े का बोझ निर्यातकों के मत्थे ही पड़ रहा है।’
आयात में दो अंक में वृद्धि की बड़ी वजह सोने का आयात 133.8 फीसदी और चांदी का आयात 13,234 फीसदी बढ़ना है। फरवरी में 6.15 अरब डॉलर का सोना और 1.7 अरब डॉलर की चांदी आयात की गई।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सोने का आयात चार महीने में सबसे अधिक रहा, जिससे व्यापार घाटा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कुछ जिंसों की ऊंची कीमतों के कारण भी तेल के अतिरिक्त निर्यात में इजाफा हुआ है। सेवा क्षेत्र का निर्यात फरवरी में 17.3 फीसदी बढ़कर 32.15 अरब डॉलर रहा और इसका आयात 2.8 फीसदी बढ़कर 15.4 अरब डॉलर रहा।
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि कुल मिलाकर व्यापार की स्थिति मिली-जुली रही।
उन्होंने कहा, ‘व्यापार घाटे और चालू खाते के घाटे के लिहाज से यह अच्छा है क्योंकि दोनों घाटे पहले से कम हुए हैं। मगर सोने और इलेक्ट्रॉनिक्स का आयात बढ़ना तथा परिधान का निर्यात सुस्त होना चिंता का कारण है। अगले वित्त वर्ष में निर्यात में तेजी के लिए वैश्विक हालात में सुधार होना आवश्यक है।’