मार्च 2023 में भले ही प्रमुख महंगाई दर घटकर 6 प्रतिशत से नीचे आ गई है, लेकिन स्वास्थ्य महंगाई दर 6.59 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी हुई है। कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए यह अहम है। प्रमुख महंगाई दर में गैर खाद्य और गैर ईंधन वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी शामिल होती है, जो कम उतार-चढ़ाव वाली वस्तुएं हैं।
प्रमुख महंगाई दर में कुछ अन्य क्षेत्रों जैसे घर में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं, सेवाओं और पर्सनल केयर उत्पादों की कीमत बढ़ी हुई बनी है। वहीं फरवरी की तुलना में मार्च में इसमें गिरावट आई है, जबकि स्वास्थ्य महंगाई दर बढ़ी है।
स्वास्थ्य सेवाओं की महंगाई दर फरवरी के 6.5 प्रतिशत की तुलना में मार्च में बढ़कर 6.59 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह लगातार सातवां महीना है, जब स्वास्थ्य महंगाई दर में वृद्धि हुई है। नवंबर 2022 से यह 6 प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है।
वृद्धि की मुख्य वजह दवाओं के दाम में वृद्धि है, जिसकी स्वास्थ्य महंगाई दर में सबसे ज्यादा भूमिका है। दवाओं की महंगाई (गैर संस्थागत) मार्च में 7.20 प्रतिशत बढ़ी है, जो फरवरी में 7.15 प्रतिशत थी। यह अक्टूबर 2022 से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘स्वास्थ्य महंगाई में दवाओं का अधिभार 70 प्रतिशत है। इसकी वजह से महंगाई दर ज्यादा नजर आ रही है।’
स्वास्थ्य की अन्य श्रेणियों में डॉक्टर/सर्जन से पहली बार परामर्श का शुल्क (गैर संस्थागत) भी फरवरी के 5.71 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 6.01 प्रतिशत हो गया है।
व्यक्तिगत देखभाल के उत्पाद की महंगाई दर फरवरी में 9.43 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी, जो मार्च में घटकर 8.25 प्रतिशत पर आ गई है। घर में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं और सेवाओं की महंगाई दर मार्च में घटकर 7 प्रतिशत पर आ गई है, जो फरवरी में 7.35 प्रतिशत थी।
क्वांटइको रिसर्च ने एक नोट में कहा है, ‘स्वास्थ्य को छोड़कर प्रमुख महंगाई दर की अन्य श्रेणियों में मार्च 2023 में सुस्ती नजर आई है। ‘