वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सरकार ने राजकोषीय घाटे के प्रबंधन विवेकपूर्ण तरीके से किया है, जिससे इसे चालू और अगले वित्त वर्ष दौरान उम्मीद से एक पायदान कम रखा जा सके।
सीतारमण ने कहा, ‘हम ज्यादा विवेकपूर्ण रहे हैं और इसका प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया है। इसकी वजह से हम इस साल राजकोषीय घाटे को 5.9 प्रतिशत की जगह 5.8 प्रतिशत रखने में कामयाब रहे हैं। अगले साल 5.2 प्रतिशत रहने के बजाय उतार चढ़ाव भरे राह में हम यह सुनिश्चित करने की कवायद कर रहे हैं कि यह एक अंक नीचे 5.1 प्रतिशत पर रहे।’
सरकार द्वारा घोषित राजकोषीय राह में वित्त वर्ष 24 के लिए घाटे का लक्ष्य 5.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रखा गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट में किसी प्रमुख मद में आवंटन में कटौती नहीं की गई है, वहीं बेरोजगारी दर पांच साल में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है।
अंतरिम बजट पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि किसी प्रमुख मद में आवंटन घटाया नहीं गया है, बल्कि इसमें बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 के 6 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.2 प्रतिशत रह गई है।
सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से जरूरी खाद्य वस्तुओं के दाम कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आवंटन में चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान की तुलना में वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि अनुपूरक मांगों में उर्वरक विभाग को 3,000 करोड़ रुपये सब्सिडी के लिए मांगे गऐ हैं।