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G20: मोदी का MSME पर ज्यादा ध्यान देने का आह्वान, कहा- ये उद्योग देते हैं रोजगार में 60 से 70 प्रतिशत का योगदान

भारत की अध्यक्षता में जी-20 की 21 और 22 अगस्त को चौथी और आखिरी ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट वर्किंग ग्रुप (TIWG) की बैठक के बाद यह मंत्रिस्तरीय बैठक शुरू हुई है

Last Updated- August 24, 2023 | 11:16 PM IST
File Photo: PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि रोजगार में 60 से 70 प्रतिशत और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 50 प्रतिशत योगदान देने वाले सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयास से पिछले 9 साल में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और लाल फीते और लाल कालीन से भी दूरी बनी है। उन्होंने कहा कि सरकार अगले कुछ साल में भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

जयपुर में 24 अगस्त से शुरू हुए जी-20 देशों के व्यापार और निवेश के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। भारत की अध्यक्षता में जी-20 की 21 और 22 अगस्त को चौथी और आखिरी ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट वर्किंग ग्रुप (टीआईडब्ल्यूजी) की बैठक के बाद यह मंत्रिस्तरीय बैठक शुरू हुई है।

उन्होंने कहा, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका को देखते हुए हमें निश्चित रूप से एमएसएमई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। एमएसएमई के ताकतवर होने से समाज को ताकत मिलती है।’ उन्होंने कहा कि इसके पहले विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत ने लाखों किसानों और छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा में सफलता हासिल की थी।

उन्होंने यह भी कहा कि लचीली और समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएं बनानी होंगी, जो भविष्य के झटकों को झेल सकें। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में भारत की ओर से प्रस्तावित वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं की मैपिंग के लिए एक सामान्य ढांचा बनाने के लिए लाया गया प्रस्ताव अहम है।

मोदी ने कहा, ‘महामारी और भू राजनीतिक तनावों से पैदा हुई मौजूदा वैश्विक चुनौतियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की परीक्षा ली है. जी-20 के रूप में हमारा दायित्व है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में फिर से भरोसा कायम करने में मदद करें। हमें लचीली और समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखला बनाने की जरूरत है, जो भविष्य के झटकों को झेल सके। इस सिलसिले में वैश्विक मूल्य श्रृंखला की मैपिंग के लिए सामान्य ढांचा बनाने का भारत का प्रस्ताव महत्त्वपूर्ण है। इस ढांचे का लक्ष्य कमजोरियों का आकलन करना, जोखिमों को कम करना और लचीलापन बढ़ाना है।’

सभी जी-20 देशों के अधिकारियों की बैठक में बेहतरीन प्रगति नजर आ रही है, लेकिन संयुक्त बयान जारी दोने को लेकर आशंका बनी हुई है, क्योंकि रूस यूक्रेन के बीच टकराव पर मतभेदों के कारण इससे पहले हुई बैठकों में कोई संयुक्त बयान जारी नहीं हो सका है।

First Published - August 24, 2023 | 11:16 PM IST

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