भारत को होने वाले कुल आयात की तुलना में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के प्रमुख साझेदार देशों से आयात ज्यादा तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023-24 में एफटीए साझेदार देशों से आयात करीब 38 प्रतिशत बढ़कर 187.92 अरब डॉलर हो गया जबकि इस अवधि में भारत का कुल आयात 31.4 प्रतिशत बढ़कर 675.45 अरब डॉलर हो गया।
दिल्ली के थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने 2018-19 से 2023-24 की पांच वर्ष की अवधि में शिपमेंट भेजे जाने का अध्ययन किया। इस अवधि के दौरान भारत के कुल निर्यात की तुलना में एफटीए साझेदारों को निर्यात कम गति से बढ़ा। एफटीए देशों को निर्यात 14.48 प्रतिशत बढ़कर 122.72 अरब डॉलर हुआ जबकि भारत का कुल निर्यात 32 प्रतिशत बढ़कर 437 अरब डॉलर हुआ।
भारत ने कई देशों या क्षेत्रों से व्यापार समझौते किए हैं। इस क्रम में दक्षिण कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस, 10 सदस्यीय दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) और दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र से व्यापार समझौते किए गए हैं। वित्त वर्ष 24 में इन देशों की भारत से कुल आयात और निर्यात की हिस्सेदारी 28 फीसदी है।
आंकड़े किसी एफटीए साझेदार के साथ समूचे निर्यात को दर्शाते हैं लेकिन इसके कुछ हिस्से में शायद व्यापार समझौते के तहत रियायत का इस्तेमाल न किया गया हो। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूएई और मॉरीशस के साथ भी व्यापार समझौता क्रमश: 2022 और 2021 में हुआ।
भारत में वित्त वर्ष 2023-24 में प्रमुख मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) साझेदार देशों से वस्तुओँ का आयात बढ़कर 187.92 अरब डॉलर हो गया जबकि यह वित्त वर्ष 2018-19 में 136.2 अरब डॉलर था। लिहाजा पांच साल की अवधि में वस्तुओं का आयात 37.97 फीसदी बढ़ गया। भारत ने कई देशों या क्षेत्रों से व्यापार समझौते किए हैं।
इस क्रम में दक्षिण कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस, 10 सदस्यीय दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) और दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र से व्यापार समझौते किए गए हैं। वित्त वर्ष 24 में इन देशों की भारत से कुल आयात और निर्यात की हिस्सेदारी 28 फीसदी है।
जीटीआरआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘यह वृद्धि वैश्विक कारोबार में भारत के मुक्त व्यापार समझौते के प्रभाव और महत्त्वपूर्ण प्रभाव को उजागर करती है।’
आसियान से मुक्त व्यापार समझौते ने 2010 के बाद गति पकड़ी। इसका प्रभाव यह हुआ कि भारत के निर्यात की तुलना में आयात तेजी से बढ़ा। आसियान देशों को निर्यात वित्त वर्ष 2019 में 37.47 अरब डॉलर था और यह वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 41.21 अरब डॉलर हो गया। यानी इस अवधि में आसियान देशों को निर्यात 9.96 फीसदी बढ़ा है। दूसरी तरफ, इस अवधि में आसियान देशों से आयात 34.30 फीसदी की उछाल के साथ 79.67 अरब डॉलर हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दक्षिण कोरिया को निर्यात 36.38 फीसदी बढ़ा। दक्षिण कोरिया को निर्यात 4.71 अरब डॉलर से बढ़कर 6.42 अरब डॉलर हो गया और आयात 16.76 अरब डॉलर से 26.12 फीसदी बढ़कर 21.14 अरब डॉलर हो गया। जापान को निर्यात में मामूली वृद्धि हुई है।