वित्त मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के लिए कुछ करों जैसे कि कॉर्पोरेशन कर, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) से राजस्व अनुमान और अगले वर्ष में कर वृद्धि को संशोधित करने में थोड़ा रूढ़िवादी रहा है। हालांकि वित्त वर्ष 2024 के लिए संशोधित अनुमान में कर और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात को 2008-09 के बाद से उच्चतम स्तर पर रखा गया है और वित्त वर्ष 2025 में इसके और बढ़ने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान में कर प्राप्तियों में 1.4 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि बजट अनुमान में इसके 0.99 फीसदी बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी। इस बढ़ोतरी में लगभग पूरा हिस्सा व्यक्गित आयकर से आने का अनुमान लगाया गया था।
चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत आयकर ही ऐसा कर है जिसका संग्रह संशोधित अनुमान से ज्यादा रहा है। कॉर्पोरेट कर और केंद्रीय जीएसटी को संशोधित अनुमान में बजट अनुमान के स्तर पर रखा गया है क्योंकि केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह कम रहने का अनुमान लगाया गया है।
लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक कॉर्पोरेट कर प्राप्तियां 7.22 लाख करोड़ रुपये रही हैं। यह वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट अनुमान और संशोधित अनुमान से करीब 2 लाख करोड़ रुपये कम है। सितंबर और दिसंबर तिमाही में अग्रिम कर की किस्त में सरकार को 2-2 लाख करोड़ रुपये मिले हैं जबकि जून में केवल 82,000 करोड़ रुपये मिले थे।
अगर मार्च में भी कॉर्पोरेट कर से 2 लाख करोड़ रुपये मिलते हैं तो उस महीने का कर संग्रह का लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा। इसके अलावा जनवरी और फरवरी में भी सरकारी खजाने में कर संग्रह होगा।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 10 जनवरी तक कॉर्पोरेट कर संग्रह 12.37 फीसदी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट अनुमान में 11.72 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था। इससे पता चलता है कि कॉर्पोरेट कर संग्रह भी बजट अनुमान से अधिक रह सकता है।
केंद्रीय जीएसटी के मामले में भी ऐसा ही है। केंद्रीय जीएसटी प्राप्तियां बढ़ने के बावजूद संशोधित अनुमान में इसे बजट अनुमान के स्तर पर रखा गया है। जनवरी तक केंद्रीय जीएसटी मद में प्राप्तियां वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान से महज 1.10 लाख करोड़ रुपये कम हैं। अगले वित्त वर्ष के लिए कुल कर संग्रह में 11.45 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। यह वित्त वर्ष 2024 के 12.5 फीसदी बढ़ोतरी के अनुमान से कम है। कर संग्रह में इजाफा मुख्य रूप से कॉर्पोरेट
कर, व्यक्तिगत आयकर और केंद्रीय जीएसटी मद से होगा। इन सभी मद में कर संग्रह वित्त वर्ष 24 के संशोधित अनुमान से 13.15 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। एचडीएफसी बैंक ने एक नोट में कहा है कि जीएसटी संग्रह का अनुमान थोड़ा रूढ़िवादी लगता है और इससे बढ़ोतरी हो सकती है।