Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल जल्द ही 17,000 करोड़ रुपये (2 अरब डॉलर) का बड़ा IPO लाने की तैयारी में है। इस IPO के जरिए वर्ल्ड बैंक ग्रुप की निजी शाखा इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) अपनी हिस्सेदारी बेचकर भारी मुनाफा कमाने जा रही है। IFC इस पब्लिक ऑफर में टाटा कैपिटल की 3.58 करोड़ शेयर बेचेगी। यह हिस्सेदारी 2011 में टाटा कैपिटल की क्लीनटेक इकाई में किए गए निवेश का हिस्सा है।
टाटा कैपिटल को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए सितंबर तक का समय दिया था। अब खबर है कि RBI ने इसे बढ़ाकर अक्टूबर के पहले हफ्ते तक कर दिया है। कंपनी इस मौके का फायदा उठाकर जल्द ही अपना IPO लॉन्च कर सकती है। अगर यह सफल रहा तो यह भारत के फाइनेंशियल सेक्टर का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू होगा।
IFC ने 2011 में टाटा कैपिटल के साथ मिलकर टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (TCCL) शुरू किया था। उस समय भारत में सौर, पवन, बायोमास और छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट्स जैसे क्लीन एनर्जी सेक्टर को सब्सिडी पर निर्भर माना जाता था। लेकिन TCCL ने पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया। कंपनी ने 500 से ज्यादा रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स को फंडिंग दी। इनमें सौर, पवन, पानी की सफाई और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2025 तक TCCL का क्लीनटेक और इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन बुक 18,000 करोड़ रुपये को पार कर गया। पिछले दो सालों में इसकी ग्रोथ 32% की सालाना दर से हुई। बाद में TCCL का टाटा कैपिटल में विलय हो गया। अब IFC के पास टाटा कैपिटल में 7.16 करोड़ शेयर हैं, जो कुल हिस्सेदारी का 1.8% है। इनमें से 3.58 करोड़ शेयर वह IPO में बेचने जा रही है।
IFC ने टाटा कैपिटल में 25 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से निवेश किया था। उस समय उसका कुल निवेश 179 करोड़ रुपये था। अब राइट्स इश्यू के आधार पर 343 रुपये प्रति शेयर की कीमत से उसकी हिस्सेदारी की वैल्यू 2,458 करोड़ रुपये हो गई है। यानी IFC को करीब 2,278 करोड़ रुपये का मुनाफा हो सकता है। यह 13 गुना रिटर्न है। जानकारों का कहना है कि IPO की कीमत इससे भी ज्यादा हो सकती है, जिससे IFC का मुनाफा और बढ़ सकता है।
टाटा कैपिटल का IPO 21 करोड़ नए शेयर और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री ऑफर (OFS) के जरिए होगा। OFS में टाटा संस 23 करोड़ शेयर और IFC 3.58 करोड़ शेयर बेचेगी। टाटा संस की टाटा कैपिटल में 88.6% हिस्सेदारी है। नए शेयरों से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल टियर-1 कैपिटल बढ़ाने और लेंडिंग बिजनेस को गति देने में होगा।
यह IPO टाटा ग्रुप का हाल के वर्षों में दूसरा बड़ा पब्लिक इश्यू होगा। इससे पहले नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO आया था। RBI के नियमों के मुताबिक, बड़े NBFC को तीन साल के भीतर शेयर बाजार में लिस्ट होना जरूरी है। टाटा कैपिटल को सितंबर 2022 में अपर-लेयर NBFC का दर्जा मिला था।