Core sector growth: भारत के 8 प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों ने अप्रैल में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है, जिन्हें प्रमुख क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। तेज वृद्धि को स्टील, बिजली और प्राकृतिक गैस जैसे क्षेत्रों से समर्थन मिला है।
इसकी तुलना में अप्रैल 2023 में उत्पादन में वृद्धि 4.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी। बहरहाल इन उद्योगों में वृद्धि दर मार्च में संशोधित कर 6 प्रतिशत कर दी गई, जो सरकार के पहले के 5.2 प्रतिशत अनुमान से अधिक है। आज जारी उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है।
इन 8 क्षेत्रों में कोयला, स्टील, सीमेंट, उर्वरक, बिजली, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और कच्चा तेल शामिल हैं। भारत के कुल औद्योगिक उत्पादन में इनकी करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है। इसकी वजह से औद्योगिक उत्पादन सूचकांक पर इनका उल्लेखनीय असर होता है।
उर्वरक को छोड़कर शेष 7 क्षेत्रों में धनात्मक वृद्धि दर्ज हुई है। बहरहाल कुछ क्षेत्रों में उच्च वृद्धि दर कम आधार के कारण नजर आ रही है। उर्वरक के उत्पादन में 0.8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो मुख्य रूप से उच्च आधार की वजह से है। पिछले साल अप्रैल में उर्वरक उत्पादन 23.5 प्रतिशत बढ़ा था।
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘चल रहे चुनाव के कारण अप्रैल महीने में सरकार द्वारा खर्च पर कम ध्यान दिया गया। ऐसे में इन आंकड़ों को सावधानीपूर्वक देखे जाने की जरूरत है।’
पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल में कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, स्टील, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में क्रमशः 7.5 प्रतिशत 1.6 प्रतिशत, 8.6 प्रतिशत, 3.9 प्रतिशत, 7.1 प्रतिशत, 0.6 प्रतिशत और 9.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
सीमेंट सेक्टर में मामूली वृद्धि दर्ज हुई है, लेकिन पिछले महीने की तुलना में उत्पादन 12 प्रतिशत कम हुआ है। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल में सीमेंट के उत्पादन में गिरावट की आंशिक वजह उच्च आधार है, साथ ही संसदीय चुनावों के दौरान सरकार द्वारा कम पूंजीगत व्यय का असर भी हो सकता है।
इंडिया रेटिंग ऐंड रिसर्च में प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा, ‘हालांकि अप्रैल 2024 में प्रमुख क्षेत्र में वृद्धि कोविड के पहले (फरवरी 2020) के स्तर की तुलना में 19.8 प्रतिशत ज्यादा है, लेकिन हर सेक्टर में ऐसी स्थिति नहीं है। कोयला, कच्चे तेल, रिफाइनरी उत्पादों में कोविड के पहले के स्तर की तुलना में क्रमशः 1.3 प्रतिशत, 0.9 प्रतिशत और 7 प्रतिशत वृद्धि हुई है।’