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Cabinet Decisions: आंध्रप्रदेश में बुनियादी ढांचे को नई दिशा, बदवेल-नेल्लोर 4-लेन कॉरिडोर को मिली मंजूरी

इस परियोजना की कुल लागत ₹3653.10 करोड़ है और इसे Design-Build-Finance-Operate-Transfer (DBFOT) मोड पर बनाया जाएगा।

Last Updated- May 28, 2025 | 5:25 PM IST
Cabinet National Highways
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने आंध्र प्रदेश में 108.134 किलोमीटर लंबे 4-लेन बदवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल लागत ₹3653.10 करोड़ है और इसे Design-Build-Finance-Operate-Transfer (DBFOT) मोड पर बनाया जाएगा।

औद्योगिक गलियारों को जोड़ेगा यह प्रोजेक्ट

यह कॉरिडोर आंध्र प्रदेश के तीन प्रमुख औद्योगिक गलियारों से जुड़े महत्त्वपूर्ण नोड्स को जोड़ेगा:

  • कोप्पारथी (विशाखापत्तनम-चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर – VCIC)
  • ओर्वकल (हैदराबाद-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर – HBIC)
  • कृष्णपट्टनम (चेन्नई-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर – CBIC)

इससे भारत के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (LPI) में सुधार की संभावना है।

यह कॉरिडोर वाईएसआर कडप्पा जिले के गोपालवरम गांव से शुरू होकर एसपीएसआर नेल्लोर जिले में स्थित कृष्णपट्टनम पोर्ट जंक्शन (NH-16) तक जाएगा। यह पोर्ट CBIC का प्राथमिक नोड घोषित किया गया है।

बदवेल से नेल्लोर के बीच यात्रा दूरी मौजूदा 142 किमी से घटकर अब 108.13 किमी रह जाएगी, जिससे 33.9 किमी की बचत होगी। साथ ही, यात्रा समय में एक घंटे की कमी आएगी, जिससे ईंधन की खपत घटेगी, कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वाहन संचालन लागत भी कम होगी।

20 लाख मानव-दिन का प्रत्यक्ष रोजगार, 23 लाख मानव-दिन का अप्रत्यक्ष रोजगार 

परियोजना निर्माण से लगभग 20 लाख मानव-दिन का प्रत्यक्ष रोजगार और 23 लाख मानव-दिन का अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। साथ ही, कॉरिडोर के आस-पास आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

बदवेल-नेल्लोर कॉरिडोर परियोजना ना केवल आंध्र प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देगी बल्कि देश के लॉजिस्टिक नेटवर्क, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन के क्षेत्रों में भी नया आयाम जोड़ेगी। यह एक दूरदर्शी निवेश है जो भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और आर्थिक प्रगति को नई दिशा देगा।

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First Published - May 28, 2025 | 4:49 PM IST

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