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Cabinet Decisions: Indian Railways का बड़ा फैसला; रतलाम-नागदा, वर्धा-बल्हारशाह रूट पर तीसरी- चौथी लाइन को मिली मंजूरी

दोनों परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत करीब 3,399 करोड़ रुपये है और इन्हें वर्ष 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

Last Updated- May 28, 2025 | 4:27 PM IST
PM Modi's 1st cabinet meeting
प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs) ने भारतीय रेलवे के दो महत्वपूर्ण मल्टि-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दे दी है।

इन परियोजनाओं में शामिल हैं:

  1. रतलाम-नागदा मार्ग पर तीसरी और चौथी रेलवे लाइन
  2. वर्धा-बल्हारशाह मार्ग पर चौथी रेलवे लाइन

इन दोनों परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत करीब 3,399 करोड़ रुपये है और इन्हें वर्ष 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के प्रवक्ता ने बताया कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बहु-मोडल कनेक्टिविटी की सोच को साकार करती हैं। यह योजना एकीकृत और समन्वित योजना निर्माण पर आधारित है, जिसका उद्देश्य देश में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना है।

176 किमी, 784 गांव, 20 लाख लोग

ये दोनों रेलवे परियोजनाएं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों के चार जिलों को कवर करेंगी और भारतीय रेलवे के नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ाएंगी। इसके साथ ही, ये परियोजनाएं 784 गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 19.74 लाख है।

हर साल लगभग 18.40 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव

इन मार्गों से कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पाद जैसे महत्वपूर्ण वस्तुओं की आवाजाही होती है। लाइन क्षमता में इस बढ़ोतरी से हर साल लगभग 18.40 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव होगी।

हर साल 20 करोड़ लीटर तेल की बचत, 99 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे एक पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन माध्यम है। इन परियोजनाओं से हर साल 20 करोड़ लीटर तेल की बचत और 99 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 4 करोड़ पेड़ों के पौधारोपण के बराबर है।

निर्माण कार्यों के दौरान लगभग 74 लाख मानव-दिन का सीधा रोजगार भी पैदा होगा, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। 

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First Published - May 28, 2025 | 4:19 PM IST

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