चेन्नई के नागरिकों की पानी की दिक्कत पर विराम लगाते हुए चेन्नई मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई ऐंड सीवरेज बोर्ड (सीएमडब्ल्यूएसएसबी) ने दक्षिण पूर्व एशिया की 4,400 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी जल अलवणीकरण (खारे पानी को साफ करना) परियोजना वीए टेक वाबैग (वाबैग) को दी है।
यह सौदा प्रति दिन 40 करोड़ लीटर (एमएलडी) समुद्री जल रिवर्स ऑस्मोसिस (एसडब्ल्यूआरओ) वाली अलवणीकरण परियोजना के डिजाइन, निर्माण, परिचालन (डीबीओ) ऑर्डर के लिए है।
यह परियोजना, जिसके लिए जापान इंटरनैशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) रकम का इंतजाम कर रही है, अलवणीकरण के रूप में पीने के पानी के स्थाई स्रोत के जरिये चेन्नई शहर के लिए जल सुरक्षा को बढ़ाएगी।
यह परियोजना चेन्नई के तट पर प्रतिदिन लगभग 75 करोड़ लीटर साफ पानी के उत्पादन के साथ इस शहर को भारत की अलवणीकरण राजधानी भी बना देगी। प्रतिदिन 40 करोड़ लीटर के एसडब्ल्यूआरओ अलवणीकरण संयंत्र के साथ वाबाग चेन्नई में अलवणीकरण के जरिये लगभग 70 प्रतिशत जल उत्पादन के लिए जिम्मेदार होगा।
वाबैग के वैश्विक प्रमुख (कारोबार विकास) रजनीश चोपड़ा ने कहा कि हमें गुरुवार को अधिकारियों से एलओए मिला है और हमें उम्मीद है कि यह तीन साल में चालू हो जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में मुंबई और विशाखापत्तनम में ऐसी बड़ी इकाइयों की योजना है। उद्योग क्षेत्र में भी हरित हाइड्रोजन क्षेत्र वाली बहुत सारी कंपनियां पूछताछ कर रही हैं।
यह परियोजना मेटिटो ओवरसीज के साथ संयुक्त उद्यम में वैबैग के नेतृत्व में क्रियान्वित की जानी है। यह परियोजना चेन्नई और भारत के लिए महत्त्वपूर्ण परियोजना है क्योंकि जब यह पूरी होगी, तो दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में यह सबसे बड़ा अलवणीकरण संयंत्र होगा।
वाबैग के इंडिया क्लस्टर के मुख्य कार्याधिकारी शैलेश कुमार ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से यह वाबैग के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। मुझे बेहद खुशी है कि हमें अपने उस भरोसेमंद ग्राहक सीएमडब्ल्यूएसएसबी से चेन्नई में इस विशाल, प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण अलवणीकरण संयंत्र का ऑर्डर मिला है, जिसके साथ हमारा जुड़ाव दो दशक से भी अधिक समय से है।