Vedanta Group Fundraising: अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) के स्वामित्व वाली वेदांत ग्रुप (Vedanta) ऋण प्रतिभूतियों (debt securities) के माध्यम से 2,500 करोड़ रुपये जुटाएगी। कंपनी के बोर्ड ने आज यानी गुरुवार (4 अप्रैल) को हुई अपनी बैठक में रकम जुटाने की मंजूरी दी।
कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (non-convertible debentures) जारी करके धन जुटाया जाएगा। हालांकि अरबपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में इस बात का उल्लेख नहीं किया कि धन का उपयोग किस लिए किया जाएगा।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खनन सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांत ने वित्त वर्ष 2024 में तीन बार गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के माध्यम से धन जुटाया।
ऋण प्रतिभूतियों के माध्यम से धन जुटाने की खबर सामने आने के बाद वेदांत के शेयरों को पंख लग गए। खबर लिखे जाते समय गुरुवार को इंट्रा-डे ट्रेड में BSE पर कंपनी के शेयर 3.57 फीसदी की तेजी के साथ 309.20 रुपये प्रति शेयर के भाव पर कारोबार कर रहा था।
इससे पहले आज वेदांत लिमिटेड ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में उसका कुल एल्यूमीनियम प्रोडेक्शन एक साल पहले की अवधि की तुलना में 4 फीसदी बढ़कर 5,98,000 टन हो गया। वेदांता ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वित्त वर्ष 2023 की इसी तिमाही में कंपनी का एल्युमीनियम प्रोडक्शन 5,74,000 टन था।
बात करें कंपनी के फाइनैंशियल हेल्थ की तो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में नेट प्रॉफिट 18.3 फीसदी कम होकर 2,013 करोड़ रुपये रहा गया है। कंपनी के मुताबिक अन्य आय कम होने और ज्यादा टैक्स लगने के कारण उसके नेट प्रॉफिट में गिरावट आई। कंपनी की नेट बिक्री 3.8 फीसदी बढ़कर 34,968 करोड़ रुपये हो गई। वेदांत का एबिटा पिछले साल के मुकाबले 22 फीसदी बढ़कर 8,677 करोड़ रुपये रही।
वेदांत ने पिछले साल कहा था कि उसने छह अलग-अलग इकाइयों में विभाजित होकर पुनर्गठन की योजना बनाई है। विश्लेषकों का कहना है कि इससे नकदी संकट से जूझ रहे समूह की ऋण संबंधी चिंताएं कम होने की संभावना नहीं है।