Forbes Richest List 2024: एडटेक सेक्टर की स्टार्टअप कंपनी बैजूस के को-फाउंडर बैजू रवींद्रन (Byju Raveendran) की मुश्किलें अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में जारी हुई ‘Forbes World’s Billionaires List 2024’ से पता चला है कि रवींद्रन अब अरबपति नहीं रहे। उनकी संपत्ति घटकर शून्य पर आ गई है, जो एक साल पहले तक 17,545 करोड़ रुपये ($2.1 बिलियन) थी।
Byju Raveendran को यह भारी नुकसान कंपनी में आ रही लगातार मुसीबतों के कारण हुआ है।
फोर्ब्स ने कही ये बात
बैजू रवींद्रन के अरबपतियों की लिस्ट से बाहर होने पर Forbes ने कहा कि पिछले साल की सूची से केवल चार लोग इस बार बाहर हुए हैं, जिनमें पूर्व एडटेक स्टार बैजू रवींद्रन भी शामिल हैं। कई संकटों में घिरी हुई फर्म बैजूस का ब्लैकरॉक ने मूल्यांकन 22 अरब डॉलर से घटकार केवल 1 अरब डॉलर कर दिया है।
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बिना नोटिस दिए कंपनी ने की छंटनी
साल 2022 से संकटों का सामना कर रही एडटेक कंपनी बैजूस ने अपने कर्मचारियों को केवल एक फोन कॉल करके निकाल दिया है। उन्हें परफॉरमेंस इम्प्रूवमेंट प्लान (पीआईपी) या उन्हें नोटिस पीरियड दिए बगैर निकालना शुरू किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि Byju’s के कर्मचारियों को फोन कॉल के बाद एक ईमेल मिला।
ईमेल में लिखा है, “यह पुष्टि की जाती है कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड [बैजूस की पैरेंट कंपनी] के साथ आपका आखिरी वर्किंग डे 31 मार्च, 2024 होगा। आपका फुल एंड फाइनल सेटलमेंट एक्जिट पॉलिसी के अनुसार दिया जाएगा। आप कंपनी के एसेट और जानकारी सौंप दें। अगर किसी कर्मचारी को एक्जिट फॉर्मलिटी को लेकर कोई सवाल है, तो वह [separations@byjus.com] पर संपर्क कर सकता है।
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स्टार्टअप Byju’s साल 2022 से संकटों का सामना कर रहा है। मुश्किलें इतनी ज्यादा बढ़ चुकी हैं कि स्टार्टअप अपने कर्मचारियों को वक्त पर सैलरी भी नहीं दे पा रहा है।
Byju’s की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने लगातार दूसरे महीने कर्मचारियों की सैलरी रोकी है।
कंपनी ने कहा है कि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई राशि को जारी करने के लिए फिलहाल NCLT से हरी झंडी का इंतजार है, जिससे वेतन जारी करने में दिक्कत आ रही है।
जानकारों के अनुसार कंपनी ने व्यावसायिक पुनर्गठन पहल के तहत यह कदम उठाया है, क्योंकि Byju’s को गंभीर नकदी किल्लत, निवेशकों और ऋणदाताओं से टकराव का सामना करना पड़ रहा है।
छंटनी के नए राउंड से मुख्य तौर पर कंपनी में सेल, मार्केटिंग और शिक्षण से जुड़ी जिम्मेदारियां संभालने वाले लोग प्रभावित होंगे। कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या लगभग 15,000 है।
छंटनी का नया दौर कंपनी द्वारा लगभग 4,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए पिछले साल शुरू की गई पुनर्गठन प्रक्रिया का हिस्सा है। इन योजनाओं को अर्जुन मोहन द्वारा अंतिम रूप दिया गया है जिन्हें पिछले साल मृणाल मोहित की जगह भारतीय व्यवसाय के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) के रूप में पदोन्नत किया गया था। पिछले साल अक्टूबर से नवंबर के बीच करीब 3,000 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया।