अहमदाबाद की प्रमुख दवा कंपनी टॉरंट फार्मास्युटिकल्स घरेलू बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए जेबी केमिकल्स ऐंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड का अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही। इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि इसके लिए अमेरिका की प्रमुख निजी इक्विटी फर्म केकेआर के साथ बातचीत अंतिम चरण में है।
जेबी केमिकल्स में केकेआर ऐंड कंपनी की 47.84 फीसदी हिस्सेदारी है। ऐसे में किसी भी लेनदेन से भारतीय अधिग्रहण नियमों के तहत आम शेयरधारकों के लिए अनिवार्य खुली पेशकश जरूरी होगी। शुक्रवार के बंद भाव के अनुसार जेबी केमिकल्स में केकेआर की हिस्सेदारी का मूल्यांकन 13,461 करोड़ रुपये (1.57 अरब डॉलर) था। जेबी केमिकल्स का शेयर आज 1,800 रुपये पर बंद हुआ जिससे उसका बाजार पूंजीकरण 28,080 करोड़ रुपये (3.27 अरब डॉलर) हो गया। कंपनी के शेयर में इस साल अब तक करीब 4.5 फीसदी की गिरावट आई है।
केकेआर ने संभावित बिक्री पर टिप्पणी करने से इनकार किया। इस संबंध में जानकारी के लिए टॉरंट फार्मास्युटिकल्स को भेजे गए ईमेल का भी खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।
इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि टॉरंट संभावित सौदे के लिए रकम जुटा रही है। इसके लिए वह वैश्विक उधारदाताओं के साथ बातचीत कर रही है। टॉरंट समूह को नियंत्रित करने वाले मेहता परिवार की टॉरंट फार्मा में 68 फीसदी हिस्सेदारी है और उसका बाजार मूल्य 1.13 लाख करोड़ रुपये है।
सैंडोज के पूर्व मेडिकल रिप्रजेंटेटिव यूएन मेहता ने 1970 के दशक में एक छोटी जेनेरिक कंपनी के तौर पर टॉरंट फार्मा की स्थापना की थी। टॉरंट ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए विशेष मनोरोग दवाओं पर ध्यान केंद्रित किया। सुधीर और समीर मेहता के मौजूदा नेतृत्व में कंपनी ने एल्डर फार्मा और यूनिकेम के घरेलू कारोबार सहित कई अधिग्रहण के जरिये अपने कारोबार का काफी विस्तार किया है।
टॉरंट फार्मा ने मार्च 2025 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए 11,516 करोड़ रुपये की आय पर 1,911 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। जेबी केमिकल्स ने इस दौरान 3,918 करोड़ की आय पर 660 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। केकेआर ने वर्ष2020 में जेबी केमिकल्स का अधिग्रहण किया था।
टॉरंट समूह पहले सिप्ला के अधिग्रहण की भी संभावना तलाश रहा था लेकिन मूल्यांकन पर सहमति न बनने के कारण बातचीत टूट गई। बाद में सिप्ला के संस्थापक परिवार ने स्टॉक एक्सचेंज पर एक ब्लॉक डील के जरिये अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची थी। इस साल की शुरुआत में टॉरंट ने आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटन्स में 67 फीसदी हिस्सेदारी 5,000 करोड़ रुपये में सीवीसी कैपिटल से हासिल की थी। इससे टीम का मूल्य 7,453 करोड़ रुपये हो गया।
टॉरंट फार्मा काफी हद तक घरेलू बाजार पर केंद्रित दवा कंपनी है जो घरेलू फॉर्मूलेशन कारोबार से अपनी समेकित आय का करीब 55 फीसदी अर्जित करती है। वित्त वर्ष 2025 में भारत में उसकी बिक्री 13 फीसदी बढ़कर 6,393 करोड़ रुपये हो गई। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा कि अहमदाबाद की कंपनी मार्केटिंग गतिविधियां बढ़ाकर बिना डॉक्टरी पर्ची के बिकने वाली दवा कारोबार फ्रेंचाइजी का दायरा बढ़ाने के लिए काम कर रही है। जेबी फार्मा भी भारत में ब्रांडेड फॉर्मूलेशन की बिक्री बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जेबी फार्मा के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक निखिल चोपड़ा ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद कहा था, ‘हमने दमदार प्रदर्शन के साथ वित्त वर्ष 2025 को अलविदा किया। भारतीय फार्मास्युटिकल बाजार में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कारोबार में हमारा घरेलू कारोबार भी शामिल है।’