साल 2024 तक भारत में 5जी ग्राहकों की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा होगी क्योंकि साल की दूसरी छमाही में ग्राहकों की संख्या में काफी उछाल देखने को मिलेगी। टेलीकॉम गियर निर्माता नोकिया ने यह अनुमान जताया है।
नोकिया ने ओमडिया की रिसर्च पर आधारित एक रिपोर्ट में कहा है, इसके साथ ही देश में 4जी व 5जी ग्राहकों की संख्या साल 2024 तक 99 करोड़ हो जाएगी।
इन अनुमानों के आधार पर साल 2024 तक 2जी ग्राहकों की संख्या करीब 15 करोड़ रह जाएगी, जो अभी 35 करोड़ है। मुख्य रूप से अभी 2जी ग्राहक वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और सरकारी कंपनी बीएसएनएल के साथ जुड़े हुए हैं।
ताजा अनुमान के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर में 5जी सेवा पेश होने के बाद से देश में अभी 2 करोड़ से ज्यादा 5जी ग्राहक हैं। सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस जियो पहले ही वित्त वर्ष 2024 के आखिर तक 10 करोड़ 5जी ग्राहक मानकर चल रही है। अगर ऐसा होता है तो नोकिया का अनुमानित आंकड़ा निश्चित तौर पर देखने को मिल सकता है।
गुरुवार को नोकिया की तरफसे जारी इंडिया मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स रिपोर्ट में कहा गया है, 2023 की दूसरी तिमाही तक 5जी स्मार्टफोन का संचयी शिपमेंट 10 करोड़ के पार निकल जाएगा और 2023 के आखिर तक 4जी स्मार्टफोन शिपमेंट के पार निकल जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, 7 करोड़ से ज्यादा 5जी डिवाइस का शिपमेंट भारत को साल 2022 में हो चुका है। 73 करोड़ ऐक्टिव 4जी ग्राहकों में से 8.5 करोड़ के पास 5जी फोन हैं। इसमें कहा गया है कि सेवा में सुधार के साथ उपलब्धता साल 2023 में 5जी स्मार्टफोन की रफ्तार में सालाना आधार पर 62 फीसदी से ज्यादा की तेजी लाएगा।
नोकिया का अनुमान है कि 5जी के चलते डेटा के इस्तेमाल में भारी इजाफा होगा। इसके तहत हर महीने प्रति ग्राहक औसत इस्तेमाल साल 2022 के 19.5 जीबी के मुकाबले 136 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी के साथ साल 2027 में 46 जीबी हो जाएगा। मोबाइल ब्रॉडबैंक का औसत प्रसार इस साल 82 फीसदी पर पहुंच जाएगा। यह भारत को दुनिया भर में सबसे ज्यादा डेटा इस्तेमाल करने वालों में शामिल कर देगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, प्राइवेट वायरलेस नेटवर्क में कॉरपोरेट का औसत खर्च साल 2027 तक 24 करोड़ डॉलर पर पहुंच जाएगा। भारतीय बाजार उभर रहा है और भविष्य में एंटरप्राइज कारोबार कुल 5जी राजस्व का 40 फीसदी सृजित करेगा। साल 2027 में भारत में प्राइवेट वायरलेस नेटवर्क के लिए 2,400 से ज्यादा साइट होंगे और इसका ज्यादातर हिस्सा 5जी पर होगा।
भारत ने कंपनियों को निजी नेटवर्क स्थापित करने की अनुमनित देने और सीधे स्पेक्ट्रम के अधिग्रहण की इजाजत वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस नीति का दूरसंचार कंपनियां विरोध कर रही हैं, लेकिन अभी इसे ट्राई व सरकार ने तैयार नहीं किया है।